सेना में सेवा देने को उच्चतम शारीरिक योग्यता जरूरी
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी व न्यायमूर्ति वीके राव की खंडपीठ ने फैसले में केंद्र सरकार के उस तर्क को स्वीकार कर लिया कि याचिकाकर्ता के दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में दोष है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सेना में सेवा देने के लिए उच्चतम शारीरिक योग्यता होना जरूरी है। हाई कोर्ट ने सेना की सेवा में अयोग्य ठहराए गए एक व्यक्ति की याचिका रद करते हुए यह टिप्पणी की है।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी व न्यायमूर्ति वीके राव की खंडपीठ ने फैसले में केंद्र सरकार के उस तर्क को स्वीकार कर लिया कि याचिकाकर्ता के दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में दोष है। इस दोष के कारण वह प्रतिकूल प्रभावी ढंग से हथियारों के ट्रिगर का उपयोग करने में सक्षम नहीं है।
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अदालत ने केंद्र सरकार के उस तर्क को भी माना कि सशस्त्र संघर्ष के दौरान पैदल सेना या तोपखाने, तकनीकी ¨वग या सेना की चिकित्सा ¨वग को भी हथियारों का प्रयोग करना पड़ता है। अदालत ने माना कि प्री-कमीशन में शामिल होने से पूर्व याची ने चिकित्सा जांच में धोखा किया था जिससे उसकी कमी के बारे में पता नहीं चल पाया था। उसने अधिकारियों को चिकित्सा जांच में संबंध में गुमराह किया था।
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अदालत ने याची प्रवेश के उस तर्क को खारिज कर दिया कि उसे सेना में सेवा के लिए स्थायी रूप से अयोग्य करार दिया गया था। याची ने आग्रह किया था कि सेना को उसे चेन्नई में प्री-कमीशन ट्रे¨नग पूरी करने की इजाजत प्रदान करने का निर्देश दिया जाए। खंडपीठ ने कहा कि याची अंगुली में दोष होने के चलते हथियार चलाने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है।