रिश्वत मामले में एमब्रेयर निपटारे को तैयार, 205 मिलियन डॉलर का करेगा भुगतान
2008 में संप्रग सरकार के दौरान हुए एंब्रेयर विमान सौदे में दलाली की बात सामने आई थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। यूपीए सरकार के दौरान हुए एमब्रेयर विमान सौदे में रिश्वत की बात सामने आने पर विमान कंपनी खुद इसके निपटारे के लिए सामने आई है। विमान कंपनी ने 205 मिलियन डॉलर का भुगतान देने पर सहमति जताई है।
समझौते के तहत एमब्रेयर कंपनी समझौते में हेराफेरी के लिए पेनाल्टी के तौर पर न्याय विभाग को 107 मिलियन डॉलर और समझौते की लीक हुई जानकारी के लिए 98 मिलियन डॉलर के भुगतान के लिए तैयार है।
कांग्रेस सरकार के समय हुए एंब्रेयर विमान सौदे में दी गई थी 36 करोड़ की दलाली
याद दिला दें कि 2008 में संप्रग सरकार के दौरान हुए एंब्रेयर विमान सौदे में दलाली की बात सामने आई थी। दलाली के पुख्ता सबूत मिलने के बाद सीबीआइ ने रक्षा सौदे की दलाली करने के आरोपी विपिन खन्ना व अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की। अनिवासी भारतीय विपिन खन्ना के देश छोड़कर भागने की आशंका को देखते हुए सीबीआइ ने लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर दिया है।
डीआरडीओ में ब्राजील की कंपनी से 1391 करोड़ रुपये में तीन एंब्रेयर विमान खरीदे गए थे। सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार इन विमानों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए कंपनी ने विपिन खन्ना के मार्फत 36.5 करोड़ रुपये की दलाली दी थी। दलाली की यह रकम लंदन में रहने वाले एनआरआइ विपिन खन्ना की सिंगापुर स्थित कंपनी के मार्फत भेजी गई थी। माना जा रहा है कि विपिन खन्ना के मार्फत दलाली की रकम रक्षा मंत्रालय और डीआरडीओ के कुछ अधिकारियों को भी दी गई थी।
डीआरडीओ के अनुरोध पर पिछले महीने सीबीआइ ने इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की थी। एक महीने के भीतर ही सीबीआइ को दलाली की रकम दिये जाने के पुख्ता सबूत मिल गए। इसके साथ ही सीबीआइ को पता चला कि विपिन खन्ना फिलहाल भारत में है। विपिन खन्ना का नाम इसके पहले 2007 में फुड फार आयल घोटाले में भी आया था।
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