पति बेरोजगार हो तो भी देना होगा गुजारा भत्ता
मदुरै। अगर पति बेरोजगार है तो भी उसे पत्नी को गुजारा भत्ता देना चाहिए। तलाक के एक मामले में सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। अदालत ने फैसले में कहा, एक स्वस्थ और हंट्टे-कंट्टे पुरुष से उम्मीद की जाती है कि वह स्वयं का और अपने परिवार का भरण-पोषण करे। जस्टिस जी राजासुरिया ने कहा कि पत्नी को
मदुरै। अगर पति बेरोजगार है तो भी उसे पत्नी को गुजारा भत्ता देना चाहिए। तलाक के एक मामले में सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। अदालत ने फैसले में कहा, एक स्वस्थ और हंट्टे-कंट्टे पुरुष से उम्मीद की जाती है कि वह स्वयं का और अपने परिवार का भरण-पोषण करे।
जस्टिस जी राजासुरिया ने कहा कि पत्नी को गुजारा भत्ता न देने के लिए पति यह दावा नहीं कर सकता है कि वह गरीब है। अगर वह बेरोजगार भी है तो भी उसे पत्नी की देखभाल की जिम्मेदारी उठानी होगी। अदालत ने याचिकाकर्ता पति की याचिका ठुकरा दी जिसने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। दंपति की तलाक की याचिका पर सुनवाई कर रही फैमिली कोर्ट ने हर महीने दो हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश पति को दिया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने गुजारा भत्ता बढ़ाकर 7,000 रुपये करने की पत्नी की मांग ठुकरा दी। पीठ के मुताबिक अगर पति की हैसियत ठीक होती तो गुजारा भत्ता बढ़ाया जाना उचित होता।
कोर्ट ने कहा, पत्नी ऐसा कोई सुबूत नहीं पेश कर सकी जिससे साबित हो सके कि पति के पास पर्याप्त पैसा है। अदालत ने कानूनी खर्च के लिए भी पति को 3000 रुपये पत्नी को देने का आदेश भी दिया है। साथ ही 2007 से लंबित तलाक की अर्जी को तीन माह में निपटाने का आदेश फैमिली कोर्ट को दिया।
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