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    तेलंगाना राज्य विवाद पर चिरंजीवी के बाद पल्लम राजू ने भी दिया इस्तीफा

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    Updated: Fri, 04 Oct 2013 01:27 PM (IST)

    तेलंगाना मुद्दे पर केबिनेट से मुहर लगने के बाद शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले सीमांध्र से आने वाले केंद्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी, कांग्रेस सांसद यू अरुण कुमार, अनंतपुर से सांसद अनंत वी रेड्डी ने अपने इस्तीफे की घोषणा की है। वहीं सांसद साई प्रताप ने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया। पल्लम राजू का इस्तीफा भी इसी की एक कड़ी है।

    नई दिल्ली। तेलंगाना मुद्दे पर केबिनेट से मुहर लगने के बाद शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले सीमांध्र से आने वाले केंद्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी, कांग्रेस सांसद यू अरुण कुमार, अनंतपुर से सांसद अनंत वी रेड्डी ने अपने इस्तीफे की घोषणा की है। वहीं सांसद साई प्रताप ने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया। पल्लम राजू का इस्तीफा भी इसी की एक कड़ी है।

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    पढ़ें: केबिनेट में घमासान के बीच तेलंगाना राज्य को मंजूरी

    उधर, गुंटूर से सांसद संबा शिवराव ने भी संसद सदस्यता और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं जगमोहन रेड्डी ने शनिवार से इस मुद्दे पर 72 घंटे के बंद का आह्वान किया है। इसके अलावा सीमांध्र के वकीलों की संयुक्त कार्रवाई समिति के साथ ही संयुक्त आंध्र समर्थकों ने 48 घंटे का बंद बुलाया है।

    पढ़ें: तेलंगाना मुद्दे पर आंध्र प्रदेश में बगावत

    गौरतलब है कि गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन ंिसह की अध्यक्षता में करीब सवा घंटे चली कैबिनेट की बैठक में तेलंगाना राज्य के गठन पर औपचारिक तौर पर मुहर लग गई थी। इसके बाद से ही सरकार के मंत्रियों ने इस्तीफे देने भी शुरू कर दिए थे। तेलंगाना को प्रथक राज्य बनाने का मुद्दा केंद्र सरकार के लिए फांस बनता जा रहा है। इस मुद्दे पर उसके अपने ही लोग अब उसके विरोध में खड़े होने लगे हैं। इस बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे की भी आशंकाएं गरम हैं।

    केबिनेट के फैसले के तहत अगले 10 साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि इस दौरान सीमांध्र में नई राजधानी बना ली जाएगी। कैबिनेट की हरी झंडी के बाद अब इसे राज्य विधानसभा के पास विचार के लिए भेजा जाएगा, लेकिन विधानसभा में तेलंगाना विरोधियों की बड़ी संख्या के कारण इसका पारित होना मुश्किल है। ऐसे में केंद्र सरकार इंतजार किए बिना शीतकालीन सत्र में नए राज्य के गठन का विधेयक संसद में पेश कर देगी। सरकार की कोशिश इस साल के अंत तक तेलंगाना गठन को अमलीजामा पहनाने की है।

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