कैबिनेट में घमासान के बीच तेलंगाना को मंजूरी
लोकसभा चुनाव में राजनीतिक गणित दुरुस्त करने के लिए केंद्र ने तेलंगाना राज्य के गठन को हरी झंडी दे दी। प्रधानमंत्री मनमोहन ंिसह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दोनों राज्यों के बीच संसाधनोंके बंटवारे के लिए मंत्रिमंडलीय समूह बनाने का फैसला लिया गया। हालांकि, सवा घंटे से अधिक चली बैठक में तेलंगाना समर्थक और विरोधी मंत्रियों के बीच खासा घमासान हुआ। फैसले से नाराज आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी के इस्तीफे की भी आशंकाएं गरम हैं, लेकिन कांग्रेस आलाकमान स्थिति संभालने में जुटा है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव में राजनीतिक गणित दुरुस्त करने के लिए केंद्र ने तेलंगाना राज्य के गठन को हरी झंडी दे दी। प्रधानमंत्री मनमोहन ंिसह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दोनों राज्यों के बीच संसाधनोंके बंटवारे के लिए मंत्रिमंडलीय समूह बनाने का फैसला लिया गया। हालांकि, सवा घंटे से अधिक चली बैठक में तेलंगाना समर्थक और विरोधी मंत्रियों के बीच खासा घमासान हुआ। फैसले से नाराज आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी के इस्तीफे की भी आशंकाएं गरम हैं, लेकिन कांग्रेस आलाकमान स्थिति संभालने में जुटा है।
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट की बैठक में विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री जयपाल रेड्डी और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने नए राज्य के गठन की न सिर्फ जरूरत बताई, बल्कि पक्ष में तमाम तर्क भी रखे। वहीं, मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू और केएस राव ने जमकर विरोध किया। राव ने करीब 25 मिनट तक अलग तेलंगाना के विरोध में बेहद सटीक तर्क रखे। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि फैसला तो हो चुका है। जब राजू प्रधानमंत्री के बीच में बोले तो जयराम ने हस्तक्षेप किया और दोनों के बीच बहस भी हुई। सूत्रों के मुताबिक, तेलंगाना विरोधी मंत्रियों ने कहा कि वह सरकार के फैसले के साथ बंधे हैं, लेकिन उनके सामने अब इस्तीफे के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। तेलंगाना का मुद्दा कैबिनेट के सामने आने की खबर से ही सीमांध्र उबल पड़ा और विभाजन के विरोध में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। दिल्ली में शाम को प्रधानमंत्री के घर के बाहर भी तेलंगाना विरोधी प्रदर्शन करने पहुंच गए। विरोध के बावजूद कैबिनेट ने जुलाई में लिए कांग्रेस कार्यसमिति के निर्णय पर मुहर लगाने का फैसला किया।
फैसले के तहत अगले 10 साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। कैबिनेट की बैठक के बाद गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि इस दौरान सीमांध्र में नई राजधानी बना ली जाएगी। कैबिनेट की हरी झंडी के बाद अब इसे राज्य विधानसभा के पास विचार के लिए भेजा जाएगा, लेकिन विधानसभा में तेलंगाना विरोधियों की बड़ी संख्या के कारण इसका पारित होना मुश्किल है। ऐसे में केंद्र सरकार इंतजार किए बिना शीतकालीन सत्र में नए राज्य के गठन का विधेयक संसद में पेश कर देगी। सरकार की कोशिश इस साल के अंत तक तेलंगाना गठन को अमलीजामा पहनाने की है।
आंध्र प्रदेश सरकार को हाई अलर्ट पर रहने की हिदायत
नई दिल्ली। तेलंगाना गठन को कैबिनेट की मंजूरी के बाद विरोध-प्रदर्शनों और तोड़फोड़ की आशंकाओं के बीच बृहस्पतिवार रात केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश सरकार को हाई अलर्ट पर रहने की हिदायत दी। मंत्रालय ने कहा है कि खासतौर पर सीमांध्र में कानून व्यवस्था बहाल रखने के लिए खास इंतजाम किए जाएं।
केंद्र ने पहले ही अर्द्धसैनिक बलों के 2,500 जवानों को स्थानीय पुलिस की मदद के लिए आंध्र प्रदेश रवाना कर दिया है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से कहा है कि हैदराबाद, तटीय आंध्र और रायलसीमा के सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाबलों को भेज दिया जाए। सीमांध्र के लोग पिछले दो महीने से राज्य बंटवारे के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। कैबिनेट के बृहस्पतिवार के फैसले के बाद क्षेत्र में उबाल आने की आशंकाएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं।
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