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बेहद खौफनाक हकीकत, 40 दिनों में 3 बेटियों की 'बलि'

हकीकत बेहद खौफनाक है। पिछले चालीस दिनों की अगर बात की जाए तो बहेड़ी में अपनों ने अपने ही हाथों से अपने कलेजे के टुकड़ों की बलि चढ़ा दी। वजह बनी सिर्फ और सिर्फ झूठी शान को बरकरार रखना। ऑनर किलिंग की सबसे पहली घटना देवरनियां कस्बे में हुई। प्रेमी प्रेमिका का घर आमने-सामने था। दोनों 15 दिन तक दिल्ली रहकर घ

By Edited By: Published: Sun, 02 Mar 2014 11:33 AM (IST)Updated: Sun, 02 Mar 2014 11:40 AM (IST)

बहेड़ी। हकीकत बेहद खौफनाक है। पिछले चालीस दिनों की अगर बात की जाए तो बहेड़ी में अपनों ने अपने ही हाथों से अपने कलेजे के टुकड़ों की बलि चढ़ा दी। वजह बनी सिर्फ और सिर्फ झूठी शान को बरकरार रखना। ऑनर किलिंग की सबसे पहली घटना देवरनियां कस्बे में हुई। प्रेमी प्रेमिका का घर आमने-सामने था। दोनों 15 दिन तक दिल्ली रहकर घर लौटे थे। इसके अगले दिन रात में जब लड़की घर में नहीं थी तो घर वाले उसके प्रेमी के घर जा धमके और वहां से लड़की को अपने घर ले आए। अगले दिन लड़की की मौत की खबर कस्बे में फैली तो ऑनर किलिंग की चर्चा होती रही। हालांकि यह मामला पूरी तरह दबा दिया गया था, जबकि दोनों के भागने की सूचना देवरनियां पुलिस को थी।

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पढ़ें: गोंडा में ऑनर किलिंग

इसके एक सप्ताह बाद ही एक और खौफनाक घटना 26 जनवरी की रात घटी। राठ गांव के एक व्यक्ति ने बेटी की गला दबाकर हत्या करने के बाद गांव के बाहर अपने भाई के खेत में उसकी लाश दफन कर दी। लाश वह स्वयं रिक्शे पर लादकर ले गया था। पिता ने बेटी के रात में गायब होने पर प्रेमी के साथ रंगे हाथों पकड़ा था। जब खबर गांव में फैली तो पुलिस ने पिता को पकड़ कर लाश बरामद करने के बाद पोस्टमार्टम को भेजा था।

तीसरी घटना राठ गांव से चंद किमी दूर नानकार गांव में शुक्रवार को अंजाम दी गई। यहां भी लड़की को इज्जत की खातिर मार दिया गया। उसके घर वाले तो उसकी मौत को हादसा बता रहे है। लेकिन उसकी मौत के बाद पूरे गांव में चर्चा लड़की को प्रेमी से रोकने टोकने को लेकर हत्या करने की है। बहरहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही पुलिस इसका खुलासा करेगी।

चार भाइयों में इकलौती थी किशोरी

नानकार गांव में मौत के घाट उतारी गई किशोरी चार भाइयों में इकलौती थी। अकेली बहन होने की वजह से चारों भाई व मां-बाप की लाडली थी। मजदूर अंगनलाल उसे पढ़ाना चाहता था, लेकिन तंगी में बच्चों की परवरिश करना ही मुश्किल था। वह प्राथमिक शिक्षा ही ग्रहण कर सकी थी। किशोरी का 22 वर्षीय बड़ा भाई भी मजदूरी करता है।

बेकसूर मदद के लिए लगाती रही गुहार

वो बेकसूर मदद के लिए शोर मचाती रही, अपनों के सामने मदद की गुहार लगाती रही लेकिन पत्थर दिल नहीं पसीजे। नानकार गांव में जो घटना घटित हुई, उसने सवाल उठा दिए हैं कि इस आधुनिक युग में भी ऑनर किलिंग जैसे मामले जोर पकड़ते जा रहे हैं, जो समाज के विकास के लिए बेहद घातक है। ग्रामीणों की मानें तो हंसमुख स्वभाव की पुष्पा की मौत सामान्य नहीं है।

क्या पहले से थी प्लानिंग

जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया, उससे साफ है कि परिजनों ने पहले ही इस बाबत योजना बनाकर रखी थी। मौका मिलते ही उन्होंने लड़की को रास्ते से हटा दिया।


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