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    रेलवे ने एचआइवी पीड़ितों को दिखाया ठेंगा

    By Edited By:
    Updated: Sun, 23 Mar 2014 12:20 PM (IST)

    अलीगढ़, आशीष गुप्ता। वे असाध्य बीमारी के मारे हैं। रोग भी ऐसा कि जिसका अभी तक दुनिया में कोई इलाज नहीं। फिर भी, वे हराने का माद्दा लेकर बीमारी से लड़ रहे हैं। लेकिन, रेलवे अफसरों ने उन्हें पस्त कर दिया। किस्सा एचआइवी पीड़ितों से जुड़ा है। जेएन मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ में इलाज के लिए आ रहे एचआइवी पीड़ितों को रेलवे ठेंगा दिख

    अलीगढ़, [आशीष गुप्ता]। वे असाध्य बीमारी के मारे हैं। रोग भी ऐसा कि जिसका अभी तक दुनिया में कोई इलाज नहीं। फिर भी, वे हराने का माद्दा लेकर बीमारी से लड़ रहे हैं। लेकिन, रेलवे अफसरों ने उन्हें पस्त कर दिया। किस्सा एचआइवी पीड़ितों से जुड़ा है। जेएन मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ में इलाज के लिए आ रहे एचआइवी पीड़ितों को रेलवे ठेंगा दिखा रहा है। सरकार उन्हें आधे खर्चे पर यात्रा की इजाजत देती है। पर, ऐसा लगता है कि इंसानियत की पटरी से संवेदना की गाड़ी उतर गई है।

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    पढ़ें: महिला से महिला में फैला एचआइवी वायरस

    बुलंदशहर के एचआइवी पीड़ित ने कल अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर यही दर्द झेला। वह नोएडा में काम करता है। करीब छह माह से जेएन मेडिकल कॉलेज के एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर में इलाज चल रहा है। कल नोएडा से पत्नी के साथ दवाएं लेने यहां आया था। पहली बार अलीगढ़ से दिल्ली तक के रियायती टिकट के लिए एआरटी सेंटर के डॉक्टरों से फार्म प्रमाणित करवाया था। नोएडा वापस जाने के लिए बुकिंग काउंटर पर गया तो महिला क्लर्क ने टिकट देने से इन्कार कर दिया। रेलवे अधिकारी के पास गया तो यह कहकर टाल दिया कि जेएन मेडिकल कॉलेज से प्रमाणित फार्म मान्य नहीं है। सिर्फ मेरठ, लखनऊ व दिल्ली के एक अस्पताल से इलाज पर ही रियायत मिलती है।

    पढ़ें: एड्स का हो सकेगा इलाज

    हालांकि, पीड़ित ने कहा रेलवे मदद करे या नहीं, हर इलाज कराएगा। वैसे, रेलवे की फटकार का यह पहला किस्सा सामने भले ही आया है, लेकिन अधिकांश पीड़ित इसके लाभ से वंचित हैं। जेएन मेडिकल कॉलेज में हर माह 50 से ज्यादा एचआइवी पीड़ित इलाज के लिए आते हैं। उनमें से कई को रेलवे टिकट में छूट की दरकार है।

    यह है नियम:

    एचआइवी पीड़ित को इलाज के लिए घर से नजदीक वाले रेलवे स्टेशन तक टिकट में 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है। मरीज के सहयोगी को भी इतनी ही रियायत दी जाती है।

    रेलवे रियायत का हक:

    नोडल आफिसर, एआरटी सेंटर, जेएन मेडिकल कालेज, प्रोफेसर हारुन सुभान खान ने बताया कि एचआइवी पीड़ित को इलाज के लिए घर से एआरटी सेंटर के नजदीक वाले रेलवे स्टेशन तक टिकट में 50 फीसद छूट देने का प्रावधान है। मरीज के सहयोगी को भी इतनी ही रियायत दी जाती है। एचआइवी पीड़ित को रियायती रेलवे टिकट का हक है। मैंने उसके फार्म को प्रमाणित भी किया है। पीड़ित लिखित शिकायत करेगा तो मैं स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी और नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन को भेज दूंगा।

    पीड़ित को छूट का लाभ न देना गलत:

    पीआरओ उत्तर प्रदेश रेलवे अमित मालवीय ने कहा कि पीड़ित की शिकायत आई तो दोषी कर्मचारी व संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।