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    एड्स का हो सकेगा इलाज

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    Updated: Fri, 20 Jul 2012 05:37 PM (IST)

    एचआइवी की खोज में मदद करने वाली नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक फ्रैंकोइस बारे-सिनौसी का कहना है कि हाल ही में हुए खोजों से पता चलता है कि शीघ्र ही एड्स के इलाज संबंधी जानकारी प्राप्त हो जाएगी।

    वाशिंगटन। अगर सब ठीक रहा तो जल्द ही लाइलाज बीमारी एड्स का इलाज संभव हो सकेगा। एचआइवी की खोज में मदद करने वाली नोबेल पुरस्कार विजेता फ्रैंकायस बरे सिनौसी का कहना है कि हाल ही में हुई खोजों से पता चलता है कि शीघ्र ही एड्स के इलाज से संबंधित जानकारी प्राप्त हो जाएगी। उन्होंने एड्स पर वाशिंगटन में रविवार को आयोजित होने वाले सम्मेलन से पहले यह बात कही।

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    सम्मेलन में सेलिब्रिटी, वैज्ञानिक, और एचआइवी पीड़ित व्यक्ति भाग लेंगे। 2008 में मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली सिनौसी उस टीम का हिस्सा है जिसने एचआइवी की खोज की। एचआइवी वायरस के कारण ही एड्स होता है। सिनौसी ने कहा कि वैज्ञानिक एड्स के इलाज के करीब पहुंच रहे हैं। उन्होंने बर्लिन के एक मरीज का हवाला दिया जो बोन मैरो [अस्थि मज्जा] प्रत्यारोपण से स्वस्थ होता नजर आ रहा है। उनके मुताबिक इससे पता चलता है कि एचआइवी वाइरस को शरीर से नष्ट करना वास्तव में संभव हो सकता है। इसके अलावा फ्रांस में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें एंटिरेट्रोवाइरल दवाएं दी गई और अब वे बिना इलाज के रह रहे हैं और उनमें एचआइवी के लक्षण भी नहीं हैं।

    सिनौसी ने कहा, 'उम्मीद बरकरार है, लेकिन इसके लिए कोई तारीख तय नहीं की जा सकती है। फिर भी 2050 तक एड्स को समाप्त किया जा सकेगा यदि मरीजों तक दवाएं समुचित तरीके से पहुंच सके।' उन्होंने कहा कि इलाज में मुख्य बाधा वैज्ञानिक नहीं बल्कि राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याएं है। दरअसल, गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में एचआइवी जांच और दवा तक लोगों की पहुंच नहीं है। जिन लोगों को यह बीमारी हो जाती है समाज उनसे किनारा करना शुरू कर देता है। कई लोग लोकलाज के डर से इसकी जांच नहीं कराते। इस कारण बीमारी का पहले पता लगाने और इलाज करने में बाधा आती है।

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