अफरा-तफरी से दिनभर जूझती रही दिल्ली
दिल्ली की सरकार अब सचिवालय से सड़क पर पहुंच गई है। प्रदेश में सरकार के धरने से दफ्तरों में अकाज और सड़कों पर अराजकता जैसा माहौल है। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों के धरने से सूबे की सरकार से संबंधित फैसले अब नई दिल्ली स्थित रेल भवन के पास धरना स्थल से ही लिए जा
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली की सरकार अब सचिवालय से सड़क पर पहुंच गई है। प्रदेश में सरकार के धरने से दफ्तरों में अकाज और सड़कों पर अराजकता जैसा माहौल है। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों के धरने से सूबे की सरकार से संबंधित फैसले अब नई दिल्ली स्थित रेल भवन के पास धरना स्थल से ही लिए जाएंगे। महत्वपूर्ण फाइलों पर मुख्यमंत्री और मंत्री यहीं पर हस्ताक्षर भी करेंगे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आवश्यक होने पर वे मौके पर ही पहुंच कर जरूरी हस्ताक्षर करा लें। प्लेयर्स बिल्डिंग स्थित दिल्ली सचिवालय में सन्नाटा है और कयास लगाए जा रहे हैं कि कम से कम इस पूरे सप्ताह यह खामोशी कायम रहेगी।
दिल्ली सचिवालय के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के धरना स्थल की दौड़ शुरू भी कर दी है। नई सरकार में खास बने अधिकारी इस दौड़ में ज्यादा आगे नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में बताया गया कि जब तक धरना चलेगा जरूरी फाइलें केजरीवाल के हस्ताक्षर के लिए धरना स्थल पर ही ले जाई जाएंगी। इधर सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी दबी जुबान में ही सही यह जरूर कह रहे हैं कि इस धरने के शुरू हो जाने से सचिवालय में चैन का आलम है। कम से कम टोपी पहने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा नहीं हो रहा। लिहाजा उन्हें काम करने में सहूलियत हो रही है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के धरना स्थल पर बैठ जाने से नौकरशाही भी भारी असमंजस में है। यह तो ठीक है कि जरूरी फाइलों पर हस्ताक्षर हो जाएंगे लेकिन सरकार से संबंधित जरूरी बैठकें कहां होंगी। मंत्रिमंडल की बैठक कहां होगी। इन सवालों का जवाब देने वाला फिलहाल कोई नहीं है। आला अधिकारी देखो और इंतजार करो की नीति पर काम कर रहे हैं। यदि यह धरना लंबा चला तो सरकार के कामकाज पर असर पड़ना तय है।
जाम और मार्ग परिवर्तन से आम आदमी बेहाल
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अरविंद केजरीवाल के धरने के कारण पूरा रायसीना हिल छावनी में तब्दील हो गया। अरविंद केजरीवाल की अपील के बाद यहां लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। पुलिस ने सुरक्षा कारणों से और भीड़ के कारण मार्गो में परिवर्तन कर दिया जिसके कारण यहां लोगों को भीषण जाम से जूझना पड़ा। रफी मार्ग, रायसीना मार्ग, कापरनिकस मार्ग और संसद मार्ग पर बसों की आवाजाही रोक दी गई। मेट्रो स्टेशन बंद होने के बाद से लोग बसों की सवारी करके जाने लगे थे, लेकिन इन रास्तों पर पुलिस की जबरदस्त बैरिकेटिंग होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
फिरोजशाह रोड से लेकर विंसडर पैलेस और जंतर-मंतर तक लोगों को जाम का सामना पड़ा। जगह-जगह बस स्टैंड पर भी लोगों की भारी भीड़ थी। कई लोग घंटों बसों का इंतजार करते रहे लेकिन मार्ग परिवर्तित होने और जाम के कारण लोगों को पैदल ही जाना पड़ा। गणतंत्र दिवस पूर्वाभ्यास के कारण भी राजपथ बंद था।
बोले आम लोग
लोकतंत्र में अपनी बात रखने का पूरा हक है। लेकिन साथ में यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि किसी के विरोध-प्रदर्शन से दूसरे लोगों को परेशानी न हो। -रोहित
विरोध जायज है लेकिन आम आदमी की परेशानी हो यह अच्छा नहीं है। पिछले एक घंटे से बस का इंतजार कर रहा हूं। मथुरा से आया हूं और दिल्ली की बहुत जानकारी नहीं है। -मुकेश
आधे घंटे से जाम में फंसा हूं। रायसीना रोड को बंद कर दिया गया है और आइएनएस जाने के लिए दूसरे रास्ते का प्रयोग करना पड़ रहा है। -प्रिंयवद
निषेधाज्ञा का होता रहा उल्लंघन
नई दिल्ली, जासं। मुख्यमंत्री केजरीवाल व आप कार्यकर्ताओं को केंद्रीय गृहमंत्रालय के बाहर धरना देने से रोकने के लिए पुलिस ने रविवार देर रात ही नई दिल्ली जिले में धारा 144 लगा दी थी। पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने दावा किया था कि नई दिल्ली में धरना-प्रदर्शन तो दूर, एक साथ चार आदमियों के घुसने पर भी पाबंदी रहेगी। सुरक्षा के बाबत नई दिल्ली जिले को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। बावजूद इसके पुलिस केजरीवाल व आप के कार्यकर्ताओं को धरना-प्रदर्शन करने से नहीं रोक पाई। जिले में हर जगह निषेधाज्ञा का उल्लंघन होता रहा।
गणतंत्र दिवस समारोह को देखते हुए पुलिस के पास सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर बड़ी जिम्मेदारी है। इंडिया गेट व राजपथ पर परेड रिहर्सल चल रही है। इन सबको लेकर पुलिस ने रविवार को पूरे जिले में धारा 144 लगाने का निर्णय लिया था। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने पुलिस मुख्यालय में सभी स्पेशल पुलिस कमिश्नर, संयुक्त पुलिस आयुक्त व डीसीपी की बैठक बुला नई दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिले में धारा 144 लगा दिल्ली पुलिस ने निर्णय लिया था कि सोमवार को गृह मंत्रालय कार्यालय पर धरना देने की चेतावनी देने वाले केजरीवाल व आप कार्यकर्ताओं को नई दिल्ली जिले में भी घुसने नहीं दिया जाएगा।
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