जलीकट्टू: पुलिस द्वारा छात्रों पर की गयी कार्रवाई के मामले में HC का सुनवाई से इंकार
तमिलनाडु में जलीकट्टू पर लगी रोक हटाने के लिए अध्यादेश लाने के बाद भी लोगों का प्रदर्शन लगातार जारी है। यह मामला हाइकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
चेन्नई (पीटीआई)। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में जलीकट्टू के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट ने मरीना बीच पर पुलिस द्वारा जलीकट्टू समर्थकों पर की गयी कार्रवाई के मामले में सुनवाई से इंकार कर दिया है। जलीकट्टू के समर्थन में पिछले एक सप्ताह से प्रदर्शन हो रहे हैं।
चीफ जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम सुंदर की संयुक्त बेंच के सामने सुधा आरपीटी तथा जॉर्ज विलियम नाम के दो वकीलों ने पुलिस द्वारा जलीकट्टू समर्थकों पर की गयी कार्रवाई के संबंध में एक याचिका दायर की गयी थी। वकीलों ने इस संदर्भ में न्यायपालिका से हस्तक्षेप की मांग की।
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चीफ जस्टिस एस के कौल ने यह कहकर इस मामले की सुनवाई करने से मना कर दिया कि, 'प्रशासनिक मामलों में अदालत कैसे दखल दे सकती है।'
आपको बता दें कि पिछले एक हफ्ते के दौरान जलीकट्टू के समर्थन में चेन्नई के मरीना बीच पर प्रदर्शनकारियों द्वारा विरोध- प्रदर्शन किये जा रहे हैं जिनमें अधिकांश छात्र औऱ युवा हैं और पुलिस द्वारा इन लोगों को वहां से हटाया जा रहा है। ये युवा और छात्र जलीकट्टू को लेकर एक स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु सरकार ने शनिवार को एक अध्यादेश भी जारी किया है। लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जब तक जलीकट्टू का स्थायी समाधान नहीं हो जाता है, तब तक वह अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
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