Move to Jagran APP

भाजपा के लिए नाक का सवाल बना हरियाणा विधानसभा चुनाव

अकेले अपने दम पर पैठ बनाने की कोशिशों में जुटी भाजपा के लिए हरियाणा नाक का सवाल बन गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दो दिन के दौरे के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा में डेरा डालने वाले हैं। मोदी लगातार नौ दिन तक प्रदेश में चुनावी रैलियां करेंगे। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा को ल

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Wed, 01 Oct 2014 09:36 AM (IST)Updated: Wed, 01 Oct 2014 03:04 PM (IST)
भाजपा के लिए नाक का सवाल बना हरियाणा विधानसभा चुनाव

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। अकेले अपने दम पर पैठ बनाने की कोशिशों में जुटी भाजपा के लिए हरियाणा नाक का सवाल बन गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दो दिन के दौरे के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा में डेरा डालने वाले हैं। मोदी लगातार नौ दिन तक प्रदेश में चुनावी रैलियां करेंगे।

loksabha election banner

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा को लग रहा है कि वह स्वयं के बूते हरियाणा में सरकार बना सकती है। इसी अति उत्साह में उसने हजकां से गठबंधन भी तोड़ दिया। टिकट की आस में जिस तरह से दूसरे दलों के नेता भाजपा से जुड़े और बाद में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने विरोध प्रदर्शन किए, उससे पार्टी की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। भाजपा को लग रहा है कि टिकट से वंचित यही नेता उसके लिए चुनाव में मुसीबत का कारण बन सकते हैं। इसलिए पार्टी नए सिरे से रणनीति बनाने में जुटी हुई है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दो दिन तक हरियाणा में रहे, लेकिन उनकी कई जनसभाओं में उतनी भीड़ नहीं जुटी, जितनी कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उम्मीद की जा रही थी। रही-सही कसर चुनाव बाद किसी दल से गठबंधन नहीं होने के शाह के संकेत के बाद पूरी हो गई। भाजपा का जोर भले ही सरकार बनाने पर हो, लेकिन अपना स्वयं का जनाधार बढ़ाने के लिए भी वह हाथ-पैर मार रही है। ऐसे में मोदी को लगातार नौ दिन तक हरियाणा में लाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी चार अक्टूबर को हरियाणा आएंगे। वह 12 अक्टूबर तक हर रोज एक रैली को संबोधित करेंगे। उत्तर हरियाणा के करनाल या अंबाला संसदीय क्षेत्र से उनकी रैलियों की शुरुआत होगी। मोदी की रैलियों के कार्यक्रम इस ढंग से तैयार किए जा रहे हैं कि पहले दिन यदि उत्तर हरियाणा में दस्तक देंगे तो दूसरे दिन दक्षिण और तीसरे दिन मध्य हरियाणा में दहाड़ते दिखाई देंगे। जिस इलाके में मोदी होंगे, उसमें अमित शाह, राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज सरीखे वरिष्ठ नेता नहीं होंगे। उनकी जिम्मेदारी दूसरे इलाकों में चुनाव प्रचार की रहेगी। भाजपा अध्यक्ष ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल और मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों के वरिष्ठ नेताओं के साथ सोमवार रात करीब चार बजे तक रोहतक में चुनावी रणनीति तैयार की। इस बैठक में वोट बैंक बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जाने पर अधिक जोर रहा। बैठक के बाद विभिन्न प्रदेशों के उन 90 विधायकों को हरियाणा के चुनाव में उतरने के निर्देश भिजवा दिए गए, जिन्हें पार्टी अपने अपने क्षेत्रों में चुनावी रण का अच्छा खिलाड़ी मानती है।

बूथ मैनेजमेंट पर जोर

भाजपा के प्रांतीय चुनाव प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय व हिमाचल के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव बिंदल के अनुसार पार्टी पूरी रणनीति से लड़ रही है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हर सीट पर योजनाबद्ध ढंग से जीत हासिल करने और बूथ मैनेजमेंट पर हमारा जोर रहेगा।

पढ़े: कमल का बटन ऐसा दबाएं कि उसकी गूंज इटली तक पहुंचे: शाह

चुनाव के बाद किसी से समझौता नहीं करेगी भाजपा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.