अब प्रमोशन के जरिए आइएएस, आइपीएस बनना मुश्किल
राज्य लोकसेवा के अफसरों का प्रमोशन के जरिये आइएएस, आइपीएस या आइएफओएस [भारतीय वन सेवा] बनना मुश्किल हो गया है। राज्यों के विरोध के बावजूद कार्मिक मंत्र ...और पढ़ें

नई दिल्ली। राज्य लोकसेवा के अफसरों का प्रमोशन के जरिये आइएएस, आइपीएस या आइएफओएस [भारतीय वन सेवा] बनना मुश्किल हो गया है। राच्यों के विरोध के बावजूद कार्मिक मंत्रालय ने प्रोन्नति संबंधी नियमों में अहम बदलाव किए हैं। नए प्रावधानों के तहत राच्य लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित अधिकारियों को तीनों अखिल भारतीय सेवाओं में स्थान पाने के लिए चार स्तरीय परीक्षा प्रक्रिया से गुजरना होगा।
प्रशासनिक आयोग की सिफारिशों और संघ लोकसेवा आयोग [यूपीएससी] के सुझावों पर प्रोन्नति संबंधी नियमों में कार्मिक मंत्रालय ने यह बदलाव किए हैं। अभी तक राच्य लोकसेवा के अधिकारियों की प्रोन्नति वरिष्ठता और वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट [एसीआर] के आधार पर की जा रही थी, जिसमें उच्चाधिकारियों की कृपा और सिफारिशों की भूमिका काफी अहम होती थी। बदले नियमों के मुताबिक ग्रुप-ए में आठ वर्षो की सेवा देने वाले वैसे अधिकारी जिनकी आयु 54 वर्ष से कम हो, अखिल भारतीय सेवाओं में स्थान पाने के लिए आयोजित परीक्षा में बैठने के योग्य होंगे। बदलावों के तहत प्रयासों पर तो कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है, लेकिन अधिकतम उम्र सीमा को कम करने का अधिकार संबंधित अधिकारियों के पास होगा।
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नई व्यवस्था लागू होने के तीन वर्ष बाद इस नियम की समीक्षा की जा सकेगी। चार चरणों में होने वाली परीक्षा के लिए एक हजार अंक रखे गए हैं। लिखित परीक्षा का 30 फीसद, सेवाकाल व एसीआर का 25-25 फीसद और साक्षात्कार के लिए 20 फीसद मानक तय किया गया है।
राच्य लोकसेवा के अधिकारियों को प्रोन्नति के लिए लिखित परीक्षा के तहत दो पेपर देने होंगे। पहले प्रश्नपत्र में जहां मानसिक योग्यता का परीक्षण किया जाएगा, जबकि दूसरे पेपर में सामान्य अध्ययन और राच्य आधारित [जिस राच्य से अधिकारी जुड़े होंगे] प्रश्न होंगे। दूसरे चरण में सेवा काल का आकलन किया जाएगा, जबकि तीसरे चरण में प्रोन्नति के इच्छुक अफसरों के एसीआर का विश्लेषण होगा। अंतिम चरण में उम्मीदवारों को साक्षात्कार से गुजरना होगा। लोकसेवा के लिए यूपीएससी तीन चरणों में परीक्षा आयोजित करता है, जबकि प्रमोशन के लिए अब अफसरों को चार चरणों से गुजरना होगा।
प्रमोशन संबंधि नियमों में बदलाव से पहले कार्मिक मंत्रालय ने इस साल मई में सभी राच्यों को पत्र लिखकर राय मांगी थी। अधिकतर राच्यों ने केंद्र सरकार के इस कदम का विरोध किया था। देश के कुल 4,737 आइएएस अधिकारियों में 1,339 प्रोन्नति के जरिये इस सेवा में आए हैं।
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