संसद घेरने पहुंचे सैकड़ों प्रतियोगी छात्र
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की नीतियों के खिलाफ एक बार फिर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में कई प्रद ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की नीतियों के खिलाफ एक बार फिर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में कई प्रदेशों से आए छात्र सोमवार को संसद भवन का घेराव करने पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने यूपीएससी अध्यक्ष और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर मौजूद पुलिस ने सबको हिरासत में ले लिया। दिन भर थाने में रखने के बाद देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया।
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प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि 2011-13 के दौरान यूपीएससी के पैटर्न में हुए बदलाव से छात्रों को दिक्कत हो रही है। 1979 की तरह तीन अतिरिक्त प्रयास और आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाए। यूपीएससी द्वारा बदलाव के बाद प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे प्रश्न पत्र में सी-सैट (सिविल सर्विसेज एप्टिट्यूड टेस्ट) जोड़ा गया है। इसमें गणित, तर्कशक्ति, अंग्रेजी शामिल हैं लेकिन अंक अधिक है। वहीं सामान्य अध्ययन में यूपीएससी ने अंक कम रखा है, जिससे लाखों छात्रों को लाभ नहीं मिल रहा है।
सीतामढ़ी, बिहार से आए छात्र सुमित ने कहा कि वह पिछले चार सालों से यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। उनके पिता ने तैयारी कराने के लिए खेत बेच दिया। यूपीएससी के बदलाव से ग्रामीण छात्रों के सपने टूट रहे हैं। कानपुर से आए शरद ने बताया कि ऐसा नहीं है कि यूपीएससी की नीति केवल हिंदी विरोधी है। वह अंग्रेजी माध्यम के छात्र हैं लेकिन सी-सैट ने उनकी परेशानी भी बढ़ा दी, जबकि पटना से प्रदर्शन करने दिल्ली आई प्रिया के मुताबिक, बदलाव स्वीकार्य हैं लेकिन इसके लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। दिल्ली के बाहर के छात्र सुविधा संपन्न नहीं है।
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