भारत में बना मानव को अंतरिक्ष में ले जाने वाला यान
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड [एचएएल] ने मानव की अंतरिक्ष यात्रा के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] को पहला 'क्रू मॉड्यूल स्ट्रक्चरल असेंबली' यान सौंप दिया है।
बेंगलूर। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड [एचएएल] ने मानव की अंतरिक्ष यात्रा के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] को पहला 'क्रू मॉड्यूल स्ट्रक्चरल असेंबली' यान सौंप दिया है।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि एचएएल ने हाल ही में बेंगलूर में इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र [वीएसएससी], तिरुअनंतपुरम को क्रू मॉड्यूल यान सौंपा। बयान के मुताबिक इस पहले क्रू मॉड्यूल में अंतरिक्षयात्रियों की मदद के लिए कुछ उपकरण इसरो की ओर से लगाए जाएंगे। आने वाले समय में जीएसएलवी -एमके 3 के लांच को लेकर इसे प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। वर्तमान में इसरो द्वारा जीएसएलवी-एमके 3 का विकास किया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इसके निर्माण के बाद भारत इनसेट-चार वर्ग के अधिक वजन वाले संचार उपग्रहों को छोड़े जाने को लेकर पूर्ण आत्मनिर्भर हो जाएगा। इस प्रकार के उपग्रह का वजन 4500 से 5000 किलोग्राम तक होता है। यह लाखों डॉलर के वाणिज्यिक प्रक्षेपण बाजार में भारत की प्रतियोगी क्षमता को भी बढ़ाएगा।
नायर व इसरो के पत्र साझा करने से इसरो का इन्कार
एचएएल के चेयरमैन आरके त्यागी ने कहा, 'एचएएल के एयरोस्पेस डिवीजन ने इसरो की जरूरतों को पूरा करने के लिए रिकॉर्ड समय में इस क्रू मॉड्यूल का निर्माण किया है।'
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