Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिंदगी बचाने को 32 किमी का रास्ता बनाया ग्रीन कॉरिडोर

    By Rajesh NiranjanEdited By:
    Updated: Wed, 07 Jan 2015 11:52 AM (IST)

    चेन्नई के तर्ज पर दिल्ली एनसीआर में भी गुडग़ांव के अस्पताल से हृदय लेकर एंबुलेंस 120 के रफ्तार से दौड़ी। इस दौरान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस व गुडग़ांव पुलिस के मदद से सड़क पर एंबुलेंस के लिए यातायात कुछ समय के लिए रोक दिया गया। इसका असर यह हुआ कि गुडग़ांव

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। चेन्नई के तर्ज पर दिल्ली एनसीआर में भी गुडग़ांव के अस्पताल से हृदय लेकर एंबुलेंस 120 के रफ्तार से दौड़ी। इस दौरान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस व गुडग़ांव पुलिस के मदद से सड़क पर एंबुलेंस के लिए यातायात कुछ समय के लिए रोक दिया गया। इसका असर यह हुआ कि गुडग़ांव से 32 किलोमीटर का सफर महज 29 मिनट में तय कर एंबुलेंस हृदय (दिल) लेकर दिल्ली पहुंची। जहां ओखला स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में एक 16 वर्षीय किशोर में हृदय प्रत्यारोपण किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अस्पताल के अनुसार गुडग़ांव स्थित फोर्टिस स्मारक शोध संस्थान (एफएमआरआइ) में 30 दिसम्बर 2014 को एक 30 वर्षीय युवक को मस्तिष्क की नस फटने के कारण भर्ती कराया गया था। वह युवक पेशे से आइटी प्रोफेशनल था। डॉक्टरों ने उसे बचाने का पूरा प्रयास किया। पर डॉक्टरों को सफलता नहीं मिली।

    इसके चलते तीन जनवरी सुबह 8.48 बजे डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित किया।हैदराबाद से गुडग़ांव पहुंचे युवक के माता-पिता ने उसके अंगदान की स्वीकृति दी। इसके बाद अस्पताल ने तुरंत दिल्ली ट्रैफिक पुलिस से संपर्क किया। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त मुक्तेश चंद्र ने कहा कि शनिवार को गुडग़ांव स्थित अस्पताल से सूचना मिली कि ब्रेन डेड घोषित व्यक्ति के परिजन अंगदान के लिए राजी हुए हैं।

    उसका हृदय प्रत्यारोपण के लिए दिल्ली के फार्टिस स्कॉर्ट अस्पताल ले जाना है। ट्रैफिक जाम की वजह से हृदय को दिल्ली ले जाने में देरी हो सकती है। यह सूचना मिलने के बाद गुडग़ांव से दिल्ली तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसके लिए गुडग़ांव पुलिस के साथ मिलकर कुछ महीने पहले ट्रायल किया गया था।

    उन्होंने कहा कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने गुडग़ांव पुलिस के साथ मिलकर ट्रैफिक का जिम्मा उठाया। इसके लिए गुडग़ांव से दिल्ली के ओखला स्थित अस्पताल तक सौ ट्रैफिक पुलिस कर्मी तैनात किए गए। इसके अलावा वायरलेस सेट से लैस आठ इंस्पेक्टर जगह-जगह तैनात किए गए।

    तीन जनवरी को दोपहर 3.45 बजे हृदय को एंबुलेंस में सुरक्षित रखा गया। 3.50 बजे एंबुलेंस दिल्ली के लिए रवाना हुई। सड़क पर एंबुलेंस को रास्ता देने के आगे आगे ट्रैफिक पुलिस की पायलट जिप्सी दो मोटर साइकिल सवार पुलिस कर्मी लगाए गए। आया नगर से एंबुलेंस दिल्ली में प्रवेश की। फिर महरौली बदरपुर रोड से होते हुए बीआरटी और फिर रिंग रोड से एंबुलेंस 4.19 बजे ओखला फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल पहुंची।

    पढ़ें : सड़क की धड़कन रोक बेंगलुर से चेन्नई पहुंचा दिल

    पढ़ें : दिल का ऐसे रखें खयाल