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गुजरात मामले की अब फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई

गुजरात में दलितों पर हुए अत्याचार के मामले में सरकार ने कहा है कि पीड़ितों को जल्द जल्द से न्याय मिलना चाहिए।

By kishor joshiEdited By: Published: Thu, 21 Jul 2016 11:25 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jul 2016 02:25 AM (IST)

नई दिल्ली (जेएनएन)। दलित अत्याचार के बहाने भाजपा व केंद्र पर आक्रामक विपक्ष को सरकार कोई मौका नहीं देना चाहती है। कोशिश यह है कि सरकार इसकी रोकथाम के लिए विपक्ष की मांगों से भी आगे दिखे। फौरी तौर पर जहां चार पुलिस अधिकारी निलंबित कर दिए गए हैं, वहीं जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है।

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केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीबीआइ जांच में दो-तीन साल लग जाते हैं। इसलिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। छह महीने के भीतर न्याय मिलना चाहिए। रोजाना सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी गई है।

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गृहमंत्री सिंह ने राज्यसभा में दलित उत्पीड़न पर अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए कहा 'हमे केवल शारीरिक हिंसा ही नहीं बल्कि मौखिक रूप से लोगों का अपमान करने के मामलों को लेकर भी संवेदनशील होना चाहिए। गुजरात के दलित उत्पीड़न मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। छह माह के अंदर दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। गुजरात में जो हुआ वह पूरी तरह से निंदनीय है और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। राजनाथ सिंह ने गुजरात की घटना को मानवता पर कलंक बताया।

सिंह ने कहा कि इस चुनौती से हम तभी निपट सकेंगे जब देश के लोग हमें राजनेता के तौर पर नहीं बल्कि सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता के तौर पर देखेंगे। आजादी के बाद से लोगों का राजनीति और राजनेताओं पर विश्र्वास कम होता जा रहा है। विश्र्वास में आई इस कमी को हमें चुनौती के तौर पर लेने की आवश्यकता है।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मायावती को लेकर उत्तर प्रदेश भाजपा नेता दयाशंकर के दिए गए बयान पर तल्ख लहजे में कहा कि इस तरह की हरकत करने वाले लोगों की सामाजिक रूप से निंदा की जानी चाहिए।

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बढ़ते दलित उत्पीड़न के मुद्दे को तालिबान जैसी सोच करार देते हुए कहा कि मॉडल राज्य गुजरात की हकीकत सबके सामने आने लगी है। राज्यसभा में दलित उत्पीड़न पर हुई अल्पकालिक चर्चा में विपक्षी सदस्यों ने कहा कि गुजरात की स्थिति विस्फोटक हो चुकी है, जहां दलित आत्महत्या करने को मजबूर हो गये हैं। गुजरात के ऊना में दलित युवकों की बेरहमी से हुई पिटाई के मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती के उठाये सवाल को समूचे विपक्ष का समर्थन मिला।

कांग्रेस के अहमद पटेल ने गुजरात की खराब हालात का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने आशंका जताई कि अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कहीं सांप्रदायिक तनाव न बढ़ जाए। सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा के राज में सब उल्टा हो रहा है। गुजरात माडल में सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ हो रहा है।


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