गृह मंत्रालय ने केजरीवाल की उम्मीदों पर फेरा पानी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मंत्रालय ने एनडीएमसी के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें परिषद के सदस्यों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को सरकारी आवास मुहैया कराने की मांग की गई थी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मंत्रालय ने एनडीएमसी के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें परिषद के सदस्यों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को सरकारी आवास मुहैया कराने की मांग की गई थी।
इस प्रस्ताव को मान लिया जाता तो केजरीवाल, आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य विधायक सुरेंद्र सिंह कमांडो व नई दिल्ली क्षेत्र से सांसद मीनाक्षी लेखी को भी एनडीएमसी की ओर से आवास मिल जाता। मीनाक्षी को सांसद के कोटे से भी आवास मिलेगा। इसलिए केजरीवाल व सुरेंद्र के लिए ही आवास अधिक महत्वपूर्ण था।
यह प्रस्ताव एनडीएमसी की 20 जून को हुई काउंसिल बैठक में दिल्ली कैंट के विधायक सुरेंद्र ने रखा था। इस प्रस्ताव के पीछे कैंट विधायक की सोच थी कि प्रस्ताव को केंद्र सरकार से अनुमति मिलते ही उनकी पार्टी के नेता केजरीवाल नई दिल्ली इलाके में सरकारी आवास पाने के हकदार बन जाएंगे। लेकिन केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को एनडीएमसी एक्ट-2011 के खिलाफ बताते हुए रद कर दिया।
एनडीएमसी एक्ट में केवल मनोनीत सदस्यों को ही सरकारी आवास की सुविधा दिए जाने का प्रावधान है। एनडीएमसी के अध्यक्ष जलज श्रीवास्तव ने बताया कि गृह मंत्रालय ने परिषद को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव को तत्काल रोकने को कहा है।
सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल को तिलक लेन स्थित सरकारी आवास को खाली करना है। इसलिए वह वह अपने लिए नए आवास की तलाश कर रहे हैं।
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