मोसुल में लापता 39 भारतीयों के लिए सरकार गंभीर
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इनके परिजनों से कई बार मुलाकात कर चुकी हैं। पीएम मोदी इस बारे में दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्षों से बात कर चुके हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इराक का शहर (मोसुल) कुख्यात आतंकी संगठन आइएसआइएस से आजाद हो चुका है और इसके साथ ही तीन वर्ष पहले वहां अगवा किए गए 39 भारतीयों का पता लगाने का काम भी तेज हो गया है। वैसे पिछले कई महीनों से इन भारतीयों की कोई खबर नहीं मिल पाई है, लेकिन सरकार को भरोसा है कि वे सभी किसी न किसी जगह पर पनाह लिए हुए हैं। इराक सरकार ने भी इस काम में पूरी मदद करने को कहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले का कहना है कि मोसुल को आइएस के कब्जे से आजाद करवाना वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे अहम उपलब्धि है और भारत इसका स्वागत करता है। जैसे ही भारत को इस बात की जानकारी लगी उसने अपने 39 नागरिकों का पता लगाने के लिए सारे चैनलों को सक्रिय कर दिया है। इराक में भारतीय राजदूत और महावाणिज्य दूतावास को कहा गया है कि वह अन्य सभी संसाधनों से इनकी खोज करे। भारत के लिए यह संतोष की बात है कि इराक सरकार ने इस काम में पूरी मदद देने की बात कही है। उसने अपनी एजेंसियों को इसके लिए आवश्यक निर्देश भी दे दिए हैं।
सनद रहे कि तीन वर्ष पहले अगवा किए गए इन भारतीयों को लेकर अभी तक कोई पुख्ता सूचना नहीं मिली है। इनमें शामिल भारतीय हरजीत मसीह ने यह दावा किया था कि उसके अलावा अन्य सभी को आतंकियों ने गोली मार दी थी, लेकिन भारत सरकार इस दावे को कभी स्वीकार नहीं किया। अगवा भारतीय पंजाब से ताल्लुक रखते हैं। यह लोग इराक में ठेके पर काम करने के लिए भेजे गए थे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इनके परिजनों से कई बार मुलाकात कर चुकी हैं। पीएम नरेंद्र मोदी इस बारे में दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्षों से बात कर चुके हैं।
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