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'सबका साथ, सबका विकास कहने वाली सरकार मजाक के मूड में'

संयुक्‍त सत्र में आज राष्‍ट्रपति के अभिभाषण के बाद विभिन्‍न राजनेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। सरकार विरो‍धी पार्टियों के नेताओं ने इसको नीरस कहा तो किसी ने इसको भाषण को राष्‍ट्रपति का कम बल्कि सरकार का ज्‍यादा कहा। वहीं विपक्ष के बयानों का जवाब देते हुए

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 23 Feb 2015 02:58 PM (IST)Updated: Mon, 23 Feb 2015 03:48 PM (IST)
'सबका साथ, सबका विकास कहने वाली सरकार मजाक के मूड में'

नई दिल्ली। संयुक्त सत्र में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद विभिन्न राजनेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सरकार विरोधी पार्टियों के नेताओं ने इसको नीरस कहा तो किसी ने इसको भाषण को राष्ट्रपति का कम बल्कि सरकार का ज्यादा कहा। वहीं विपक्ष के बयानों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि सरकार की सोच ही राष्ट्रपति के अभिभाषण में व्यक्त की जाती है।

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दरअसल आज बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण पेश किया। इस दौरान उन्होंने किसानों के हितों का ध्यान रखने की बात कही। सरकार द्वारा लाए जाने वाले अध्यादेशों पर राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने बजट सत्र के शांतिपूर्ण चलने की भी उम्मीद जताई। बजट सत्र को लेकर अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में कुछ भी नया और खास नहीं था।

वहीं जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास का नारा देने वाली सरकार अब मजाक के मूंड में लग रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का भाषण था न कि राष्ट्रपति का। वहीं बसपा अध्यक्ष मायवती का कहना था कि सरकार की यही नीति है कि काम कम किए जाएं और बातें ज्यादा की जाएं। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यदि सरकार ने सबका साथ सबका विकास कहा तो फिर विकास अमीरों का ही क्यों हुआ। इसका फायदा आम लोगों तक क्यों नहीं ?

सरकार के विरोधियों के बयान पर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि उम्न्हें उम्मीद है कि सत्र ठीक से चलेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष मुद्दों पर अपनी नाराजगी जताए लेकिन राजनीति न करे। दूसरी ओर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उम्मीद जताई है कि सत्र को चलाने में सभी अपना सहयोग करेंगे और इस दौरान गंभीर विषयों पर अच्छी बहस होगी।

संयुक्त सत्र के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नदारद रहने को भाजपा ने एक मुद्दा बना लिया है। भाजपा ने अभिभाषण के बाद कहा कि सदन के बेहद अहम मौके पर राहुल गांधी की गैरमौजूदगी काफी कुछ बयां करती है। लेकिन इसका सही जवाब कांग्रेस ही दे सकती है। भाजपा प्रवक्ता सांबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को छुट्टी पर ही भेज देना चाहिए। शिव सेना के संजय राऊत ने भी जानना चाहा कि आखिर राहुल गांधी सदन से क्यों नदारद रहे।

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