कोलेजियम की सिफारिश मान 21 जजों को सेवा विस्तार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से छह महीने बाद फिर अस्तित्व में आए कोलेजियम की सिफारिश को मानते हुए केंद्र सरकार ने संभवतः 21 अतिरिक्त जजों के सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी है। देश के विभिन्न हाई कोर्टों में काम कर रहे इन जजों का दो साल का कार्यकाल इसी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से छह महीने बाद फिर अस्तित्व में आए कोलेजियम की सिफारिश को मानते हुए केंद्र सरकार ने संभवतः 21 अतिरिक्त जजों के सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी है। देश के विभिन्न हाई कोर्टों में काम कर रहे इन जजों का दो साल का कार्यकाल इसी महीने की 30 तारीख को खत्म हो रहा है।
पिछले सप्ताह फिर से अस्तित्व में आए कोलेजियम की यह पहली बड़ी सिफारिश है। इससे पहले सोमवार को कोलेजियम की सिफारिश मानते हुए केंद्र ने बांबे हाई कोर्ट में एक अतिरिक्त जज की फिर से नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, कोलेजियम की संस्तुति को मंजूर करते हुए सरकार ने न्यायाधीशों के सेवा विस्तार का रास्ता साफ कर दिया है।
चूंकि राष्ट्रपति इस समय पश्चिम बंगाल के सूरी में हैं, इसलिए इन फाइलों को दस्तखत के लिए बुधवार को उनके पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति का दस्तखत होते ही संबंधित अदालतों के रजिस्ट्रारों को कोलकाता से संपर्क कर फाइल ले लेने के लिए कहा जाएगा, ताकि समय की बचत हो सके। ये अतिरिक्त जज आंध्र प्रदेश/तेलंगाना, कलकत्ता और कर्नाटक हाई कोर्ट में कार्यरत हैं, जिनके सेवा विस्तार को मंजूरी दी गई है।
इससे पहले उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इन अतिरिक्त जजों को सेवा विस्तार देने की अनुमति मांगी थी। लेकिन चूंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पिछले सप्ताह फिर से कोलेजियम बहाल हो गया, इसलिए सरकार ने फाइलों को उसके पास ही भेज दिया।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगा दिए जाने के कारण 13 अप्रैल से 16 अक्टूबर के ऊंची अदालतों में जजों की नियुक्ति की कोई व्यवस्था नहीं थी। 16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति आयोग को खारिज कर दिया था।