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    कैशलेस सौदों को लोकप्रिय बनाने की सरकार ने तेज की कोशिश

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Fri, 25 Nov 2016 09:16 AM (IST)

    लोगों में डिजिटल वित्तीय साक्षरता की कमी ही अब तक कैशलेस सौदों की लोकप्रियता के आड़े आती रही है।

    नितिन प्रधान, नई दिल्ली। नोट बंदी के बाद नकदी के उपजे संकट को दूर करने में सरकार गांव गांव तक बिना नकदी के सौदों के उपाय पहुंचाने को अहम मान रही है। लोगों के बीच ऐसे कैशलेस सौदों को लोकप्रिय बनाने और इसके लिए आवश्यक ढांचा तैयार करने की जरूरतों की पहचान के लिए प्रधानमंत्री ...कार्यालय.. ने एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि युद्ध स्तर पर काम करके देश में कैशलेस सौदों को लोकप्रिय बनाने का काम किया जाए।

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    तीन सदस्यीय इस कमेटी में सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, विनिवेश सचिव और नीति आयोग के सीईओ को शामिल किया गया है। सरकार के एक उच्चाधिकारी के मुताबिक कमेटी को लोगों के बीच कैशलेस सौदों को लोकप्रिय बनाने के उपाय तलाश करने हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री... कार्यालय...ने कमेटी से युद्ध स्तर पर काम करके एक रणनीति तैयार करने को कहा है जिससे नकदी के संकट के चलते लोगों को हो रही परेशानी को कम किया जा सके। समिति को यह भी देखना है कि यह काम कितनी जल्दी किया जा सकता है।

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    सूत्र बताते हैं कि कमेटी को यह भी देखना होगा कि कैशलेस सौदों की संख्या बढ़ाने के लिए किस तरह के बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी और इसके लिए क्या उपाय करने होंगे। कमेटी को तकनीकी जरूरतों की पहचान करने को भी कहा गया है। कमेटी इस बात पर भी विचार करेगी कि देश में डिजिटल वित्तीय साक्षरता को किस तरह से बढ़ाया जा सकता है। लोगों में डिजिटल वित्तीय साक्षरता की कमी ही अब तक कैशलेस सौदों की लोकप्रियता के आड़े आती रही है।

    इधर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरूवार को एक बैठक कर इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए देश में उपलब्ध बुनियादी ढांचे की समीक्षा भी की। सूत्र बताते हैं कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने खुद प्रसाद से राष्ट्रीय स्तर पर कैशलेस सौदों को लोकप्रिय बनाने की दिशा में प्रयास करने को कहा था। प्रधानमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि ...इस काम को मिशन मोड में किया जाना चाहिए।..

    प्रसाद की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के सीईओ, यूआइडीए के महानिदेशक, एसटीपीआइ प्रमुख और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के प्रमुख शामिल थे। देश में मौजूद कुल कॉमन सर्विस सेंटरों में से करीब 30000 ऐसे हैं जो फ्रैंचाइजी आधार पर बैंकिंग सेवाएं दे रहे हैं। बैठक में तय हुआ कि प्रत्येक वीएलई यानी विलेज लेवल आंटेप्रिन्योर (ग्राम उद्यमी) 10 लोगों को डिजिटल वित्तीय साक्षरता प्रदान करेगा। यही ग्राम उद्यमी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए बुनियादी ढांचा भी उपलब्ध कराएंगे। इस तरह एक साथ तीन लाख लोगों को डिजिटल वित्तीय साक्षर बनाया जा सकेगा। सीएससी को इस काम के लिए प्रमुख संगठन के तौर पर पेश किया जा रहा है।

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    सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की बैठक के नतीजों को सिफारिशों का रूप देकर प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त कमेटी को सौंपा जाएगा। कमेटी इस पर आगे की कार्रवाई की दिशा तय करेगी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद की अगुआई में मंत्रालय के इस त्वरित प्रयास को काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री भी चाहते हैं कि इस संबंध में होने वाली कार्रवाई में किसी तरह की ढिलाई न हो ताकि लोगों की दिक्कतों को जल्द से जल्द दूर किया जा सके। यही वजह है कि प्रधानमंत्री के कहने के तुरंत बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कमेटी की मदद में आगे आकर खुद रास्ता तलाशने की कवायद शुरू की।