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    पढ़ाई का ऐसा जज्बा कि 98 साल की उम्र में किया एमए पास

    By Srishti VermaEdited By:
    Updated: Wed, 27 Sep 2017 10:03 AM (IST)

    विभिन्न पदों से तीन बेटे हो चुके हैं सेवानिवृत्त... 2015 में एनओयू के पदाधिकारियों ने घर जाकर लिया था नामांकन...

    पढ़ाई का ऐसा जज्बा कि 98 साल की उम्र में किया एमए पास

    पटना (जागरण संवाददाता)। जज्बा हो तो पढ़ाई के लिए उम्र मायने नहीं रखती। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी 98 वर्षीय राजकुमार वैश्य इसे सच कर दिखाया है। बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) की पढ़ाई पूरी करने के 79 साल बाद उन्होंने एमए अर्थशास्त्र की परीक्षा द्वितीय श्रेणी से पास की। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (एनओयू) के रजिस्ट्रार डॉ. एसपी सिन्हा सोमवार को उनके राजेंद्र नगर स्थित आवास पर रिजल्ट की जानकारी देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद थी कि परीक्षा में बेहतर अंक आएंगे। पढ़ने और पढ़ाने की कोई उम्र नहीं होती। 2015 में पढ़ाई की इच्छा जाहिर करने पर नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों ने उनके घर पर जाकर नामांकन लिया था।

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    रिजल्ट हाथ में दो तब मानेंगे उत्तीर्ण : एनओयू से फोन जाने के बाद परिवार के सदस्यों ने उन्हें बताया कि एमए
    पास कर गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले रिजल्ट हाथ में दो तब मानेंगे। इसके बाद एनओयू के रजिस्ट्रार से उनकी बात कराई गई। कहा, दो साल की मेहनत काम आई। अब मिठाई खिलाओ। पुत्रवधु प्रो. भारती एस. कुमार (पटना विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष) ने बताया कि उन्हें रसगुल्ला काफी पसंद है। बेटे एनआइटी से रिटायर्ड प्रो. संतोष कुमार ने बताया कि उनके पिता कोडरमा स्थित माइका कंपनी में कई दशक तक जीएम के पद पर कार्यरत रहे। सेवानिवृत्ति के बाद पढ़ने-पढ़ाने का शौक बढ़ता ही चला गया।

    प्रतिदिन छह घंटे करते थे पढ़ाई : राजकुमार 2015 में नामांकन लेने के बाद प्रतिदिन छह घंटे पढ़ाई करते थे। एनओयू की पाठ्य सामग्री हिंदी में होने के कारण उन्हें शुरुआती दिनों में थोड़ी परेशानी हुई। एमए में नामांकन लेने के बाद लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड ने उन्हें देश में सबसे अधिक उम्र का विद्यार्थी घोषित किया था। अब सबसे अधिक उम्र में एमए की डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है।

    1934 में पास की थी मैट्रिक: राजकुमार 1934 में गवर्नमेंट हाई स्कूल, बरेली से द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे। आगरा विवि से 1938 में बैचलर ऑफ आट्र्स और 1940 में बैचलर ऑफ लॉ की परीक्षा पास की थी। इनके तीनों बेटे रिटायर हो चुके हैं।

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