उड़ी हमला: भारत को जर्मनी का खुला समर्थन, पाक के खिलाफ करो कार्रवाई
उड़ी हमले के बाद भारत का कूटनीतिक दबाव रंग ला रहा है। जर्मनी ने कहा कि आतंक को बढ़ावा देने वाले देशों के खिलाफ किसी भी देश को कार्रवाई करने का हक है
नई दिल्ली। उड़ी हमले का गुनहगार कौन ? पठानकोट हमले का गुनहगार कौन ? मुंबई हमलों का गुनहगार कौन? इन सवालों का जवाब बेहद ही आसान है। पाकिस्तान की धरती से पाकिस्तान की सरपरस्ती में आतंक के सौदागर भारतीय जमीन के अलग अलग हिस्सों को खून से रंगते रहे हैं। भारतीय सरकारों के दबाव पर पाकिस्तान का सिर्फ एक ही जवाब आता रहा है कि सबूत दो कार्रवाई करेंगे। पाकिस्तान को जब सबूत सौंपे जाते हैं तो वो सबूतों को सिरे से खारिज कर देता है।
भारत को जर्मनी का खुला समर्थन
उड़ी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बिरादरी भारत के समर्थन में खुल कर बोल रही है। जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रांक वॉल्टर श्टाइनमायर ने साफ शब्दों में कहा है कि भारत को पाक के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है।
उन्होंने कहा कि जिस देश में ये दहशतगर्द पनप रहे हैं, वो कैसे अपने आपको पाक साफ कह सकते हैं। इस धारणा का भी कोई मतलब नहीं है कि दो देशों के बीच तनाव का हवाला देकर आतंकवाद के जनक देशों के खिलाफ किसी तरह की पुख्ता कार्रवाई न की जाए। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में जर्मनी उन परिवारों के साथ जिन्होंने अपनों को खोया है।
अफगानिस्तान ने की निंदा
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि पीएम मोदी को फोन कर उड़ी हमले पर संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में अफगान की जनता भारत के साथ खड़ी है। अशरफ गनी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनका देश भारत का समर्थन करता रहेगा। आतंकवाद को किसी भी कीमत पर प्रश्रय नहीं दिया जा सकता है। ये एक ऐसा रोग है जिसका सामना करने के लिए दुनिया के सभी मुल्कों को एक साथ आना ही होगा। पीएम मोदी ने भी अशरफ गनी द्वारा समर्थन देने के लिए शुक्रिया कहा।
President Ghani expressed condolences to families of martyred soldiers. PM @narendramodi thanked President Ghani for Afghanistan’s support.
— PMO India (@PMOIndia) September 20, 2016
गौरतलब है कि पठानकोट हमले के करीब आठ महीने बाद जैश से जुड़े सिपह-ए-सहाबा के आतंकियों ने उड़ी के सेना मुख्यालय पर हमले को अंजाम दिया। आतंकी हमले में बिहार रेजीमेंट और डोगरा रेजीमेंट के 17 सैनिक शहीद हो गए थे। सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चार आतंकियों को मार गिराया था।
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