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    गीता से मिलने को बेताब है उसका बेटा बोला- जल्दी आओ मां

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Sat, 17 Oct 2015 12:53 PM (IST)

    भारत और पाकिस्तान में चर्चा का विषय बनी हुई गीता को लेकर एक नई बात सामने आई है कि उसका एक बेटा भी है जो लुधियाना में रह रहा है। इस बालक का नाम है संत ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान में चर्चा का विषय बनी हुई गीता को लेकर एक नई बात सामने आई है कि उसका एक बेटा भी है जो लुधियाना में रह रहा है। इस बालक का नाम है संतोष और ये अपनी मां से मिलने के लिए बेताब है। कह रहा है कि मां जल्दी घर आ जाओ। गीता के घर वालों ने बताया कि संतोष जब पांच महीने का था तब से उसकी मां गीता खो गई जो अब पाकिस्तान में मिली है।

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    संतोष अपने मामा के साथ ही रहता है। लुधियाना के राम नगर में रहने वाले विनोद ने बताया कि वह मूल रूप से सहरसा, बिहार के गांव धाप कबीरा का रहने वाला है। उसका परिवार पिछले 30 साल से लुधियाना में रह रहा है। विनोद के मुताबिक, उसकी बहन गीता का असली नाम हीरा है और उसकी शादी जालंधर स्थित गांव मलिया के उमेश महतो से हुई थी। मूक बधिर होने के कारण गीता अपने पांच महीने के बेटे संतोष के साथ उसके साथ ही रहती थी।

    वर्ष 2004 में गीता वैशाखी के मेले में गुम हो गई। तब से उसका कोई पता नहीं चला। उसने पुलिस में भी मामला दर्ज कराया था। गीता की माता का नाम शांति देवी है। गीता के पांच भाई हैं, जिनमें बलराम, मनोज, विनोद, सिकंदर व नंदू हैं और एक बहन सुनीता है।

    सलमान खान को बोलेंगे शुक्रिया

    विनोद कहता है कि उसके घर वाले सुपरस्टार सलमान खान से मिलकर उनको शुक्रिया कहना चाहते हैं। उनकी चर्चित फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ के कारण ही गीता का मामला सामने आया। गीता की बहन सुनीता ने बताया कि सारा परिवार गीता को लेने के लिए जल्द ही दिल्ली रवाना हो जाएगा।

    संभवत : 26 अक्टूबर को गीता भारत वापस आ जाएगी

    कुंदन, सहरसा : जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के कबीरा धाप में इस साल दशहरा और दिवाली का उत्साह एक साथ दिख रहा है। वजह है लुधियाना से गुम हुई गांव के जनार्दन महतो की बेटी हीरा (गीता) के पाकिस्तान से वापस लौटने की खबर। हीरा के परिजन जहां उसके आगमन की बाट जोह रहे हैं, वहीं गांव वाले हीरा के पिता को बधाई देने के साथ-साथ इस बात की भी खुशी जता रहे हैं कि इसी बहाने तटबंध के अंदर बसा यह गांव राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फलक पर सुर्खियों में आ गया है। इसका फायदा गांव वालों को भी मिलेगा।

    हीरा फिलहाल कराची स्थित ईधी फाउंडेशन की देखरेख में रह रही है। फाउंडेशन के प्रवक्ता ने भी इस बात की तसदीक की है कि गीता के परिवार की पहचान कर ली गई है और उसे जल्द ही उसके परिवार के पास भेज दिया जाएगा। पल-पल का इंतजार भारी खुशी से डबडबाई आंखें पोछते हुए हीरा के पिता जनार्दन कहते हैं कि बस अब जल्दी से उनकी बेटी घर लौट आए। 11 साल में ऐसा कोई पल नहीं बीता जब उसकी याद में आंखें नम नहीं हुईं।

    बेटी को भारत वापस लाने में भारत सरकार के प्रयास की भी जनार्दन भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं। बोले, अब बस जल्दी से पूरी प्रक्रिया निबट जाए और वो अपनी बेटी से मिल सकें। पूरा परिवार अब एक पल भी हीरा के बगैर रहना नहीं चाहता है।