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भाजपा को मिलेगा दिल्ली में सरकार बनाने का न्योता!

उपराज्यपाल नजीब जंग सूबे में नई सरकार के गठन के लिए बुधवार को दिल्ली विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को न्योता भेज सकते हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उपराज्यपाल जंग की वह सिफारिश स्वीकार कर ली है, जिसमें उन्होंने विधानसभा को भंग करने से पहले सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का मौका द

By Sachin kEdited By: Published: Tue, 28 Oct 2014 05:36 AM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 12:53 PM (IST)
भाजपा को मिलेगा दिल्ली में सरकार बनाने का न्योता!

नई दिल्ली [अजय पांडेय]। उपराज्यपाल नजीब जंग सूबे में नई सरकार के गठन के लिए बुधवार को दिल्ली विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को न्योता भेज सकते हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उपराज्यपाल जंग की वह सिफारिश स्वीकार कर ली है, जिसमें उन्होंने विधानसभा को भंग करने से पहले सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का मौका देने की बात कही थी। राष्ट्रपति ने अपने फैसले से राजनिवास को अवगत करा दिया है। महत्वपूर्ण यह भी है कि मंगलवार को केंद्र व दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली विधानसभा को लेकर अपना जवाब दाखिल करना है।

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उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि सोमवार को राष्ट्रपति भवन ने उपराज्यपाल जंग के उस पत्र का जवाब भेज दिया है जिसमें उन्होंने दिल्ली की राजनीतिक स्थिति पर अपनी रिपोर्ट भेजी थी। चूंकि जंग अभी छुट्टी पर हैं और उनके मंगलवार शाम तक दिल्ली वापस पहुंचने की उम्मीद है, इसीलिए माना जा रहा है कि भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण बुधवार को भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि बीते फरवरी में अरविंद केजरीवाल सरकार के इस्तीफे के बाद से सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा कुछ अन्य विधायकों के सहयोग से दिल्ली में सरकार बना सकती है। पहले कांग्रेस के कुछ विधायकों के सहयोग से सरकार बनाने की पहल हुई लेकिन मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के कारण यह मुहिम विफल हो गई। उसके बाद आम आदमी पार्टी के कुछ विधायकों को साथ लाकर भी भाजपा द्वारा सरकार बनाने की चर्चा चली, लेकिन यह कोशिश भी विफल रही।

इस बी,च उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति को दिल्ली की राजनीतिक स्थिति पर अपनी रिपोर्ट भेजी, जिसमें यह कहा गया कि दिल्ली विधानसभा को भंग करने से पहले विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का एक मौका दिया जाना चाहिए। उनके पत्र के बाद दिल्ली में सरकार बनने की संभावनाएं बढ़ गई। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में फिलहाल, सदस्यों की कुल संख्या 67 है और भाजपा को बहुमत के लिए 34 विधायकों की दरकार है। उसके 29 विधायक हैं, जबकि एक निर्दलीय व एक असंबद्ध विधायक का समर्थन उसको प्राप्त है। इस प्रकार उसकी संख्या 31 तक पहुंचती है। यदि वह तीन और विधायकों का समर्थन जुटा लेती है तो उसके लिए सदन में बहुमत साबित करना आसान हो जाएगा।

विधानसभा चुनाव में भाजपा के कुल 32 विधायक जीते। लेकिन इनमें से तीन ने सांसद बनने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद खाली हुई तीनों विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान कराने की घोषणा चुनाव आयोग ने की है।

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