चीन के बाद आसियान में भी आतंक के खिलाफ जारी रहेगी पीएम मोदी की मुहिम
सूत्रों के मुताबिक आसियान और पूर्वी एशियाई सम्मेलन में मोदी के भाषण में आतंक के खिलाफ सहयोग काफी अहम रहेगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने की जो मुहिम पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन में समूह-20 की बैठक में शुरू की थी वह लाओस में भी जारी रहेगी। लाओस में अगले दो दिनों तक आसियान और पूर्वी एशियाई देशों की दो अहम बैठक हैं।
मोदी बुधवार को लाओस की राजधानी विएनतियाने पहुंच चुके हैं। वैसे तो इस यात्रा के दौरान आसियान और पूर्वी एशियाई देशों के साथ भारत के आर्थिक रिश्तों को मौजूदा वैश्विक मंदी के दौर में नए सिरे से परिभाषित करने पर खास जोर दिया जाएगा, लेकिन मोदी वैश्विक आतंकवाद के मुद्दे पर आम राय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
मोदी ने बुधवार को जापान के पीएम शिंजो एबी से मुलाकात और यह स्पष्ट कर दिया कि भले ही लाओस में होने वाली बैठक के आर्थिक महत्व ज्यादा हों लेकिन भारत के लिए फिलहाल आतंक ही सबसे बड़ा मुद्दा है। मोदी और एबी के बीच आतंक के खिलाफ सहयोग पर काफी लंबी बातचीत हुई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप का कहना है कि पीएम एबे ने मोदी से कहा है कि जापान किसी भी सूरत में आतंकियों के मंसूबों को सफल नहीं होने देगा। एबी ने भारत के साथ आतंक के खिलाफ मौजूदा सहयोग को और ज्यादा मजबूत बनाने का आह्वान किया है। माना जा रहा है कि गुरुवार को वहां मोदी की राष्ट्रपति ओबामा से भी द्विपक्षीय मुलाकात होगी और इसमें भी आतंक का मुद्दा सबसे अहम रहेगा।
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सूत्रों के मुताबिक आसियान और पूर्वी एशियाई सम्मेलन में मोदी के भाषण में आतंक के खिलाफ सहयोग काफी अहम रहेगा। इसमें वह उन देशों को कठघरे में खरा करने की कोशिश करेंगे जो एक राष्ट्र नीति के तहत आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं। मोदी ने समूह-20 की बैठक में भी पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उस पर जबरदस्त हमला किया था। मोदी ने कहा था कि दक्षिण एशिया का सिर्फ एक देश ऐसा है जो आतंक को राष्ट्र नीति के तौर पर आगे बढ़ा रहा है और इस वजह से कई देशों में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं।
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वैसे आसियान देशों के साथ भारत के आर्थिक रिश्तों को नई दिशा देने पर भी इस बार अहम समझौते होने के आसार हैं। दोनों पक्षों के बीच आपसी सहयोग से जुड़े मुद्दों पर 30 समूहों का गठन हुआ है जिनकी इस बार समीक्षा की जाएगी। वर्ष 2015 में भारत और आसियान के बीच मुक्त व्यापार समझौता लागू हुआ है जिसमें सुधार करने की कोशिश दोनों पक्षों की तरफ से हो रही है। भारत और पूर्वी एशियाई देशों के बीच यहां होने वाला यह 11वां सम्मेलन होगा। इसमें आसियान के दस देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल होंगे।
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