छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला को ट्रेन से फेंकने की कोशिश
ट्रेन में महिला यात्रियों की सुरक्षा रामभरोसे है। असामाजिक तत्व रोजाना महिला यात्रियों से छेड़छाड़ कर उन्हें शर्मसार करते हैं। इनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) कहीं नजर नहीं आती। बृहस्पतिवार शाम को भी ओखला-कोसीकलां इएमयू शटल के महिला क
जागरण संवाद केंद्र, फरीदाबाद । ट्रेन में महिला यात्रियों की सुरक्षा रामभरोसे है। असामाजिक तत्व रोजाना महिला यात्रियों से छेड़छाड़ कर उन्हें शर्मसार करते हैं। इनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) कहीं नजर नहीं आती। बृहस्पतिवार शाम को भी ओखला-कोसीकलां इएमयू शटल के महिला कोच में सवार कुछ लड़के छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला रेल यात्री को चलती ट्रेन से धक्का देने लगे, हालांकि वह बच गई। इस आशय की पुलिस में शिकायत की गई है।
पलवल की शिव कालोनी की रहने वाली शांति शर्मा (52) ओखला महानगर टेलीकॉम निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) में काम करती हैं। वह दैनिक रेलवे यात्री हैं। वह बृहस्पतिवार को रोजाना की तरह ओखला से कोसीकलां तक जाने वाली इएमयू शटल में सवार होकर घर लौट रही थीं।
जब ट्रेन न्यू टाउन रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तो यहां से आसपास की कंपनियों में काम करने वाले 15-20 लड़के महिला कोच में सवार हो गए। इन लड़कों ने महिला कोच में सवार युवतियों के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। शांति शर्मा ने इन लड़कों को रोकना चाहा तो, उन्होंने श्रीमती शर्मा को चुप खड़े रहने की नसीहत दी।
यह ट्रेन बल्लभगढ़ स्टेशन पहुंची, तब वहां श्रीमती शर्मा ने स्टेशन पर ही जीआरपी या आरपीएफ कर्मियों की मदद लेनी चाही, लेकिन स्टेशन पर कोई तैनात नहीं था। लिहाजा ट्रेन एक मिनट के ठहराव के बाद आगे बढ़ चली। इस दौरान तक भी महिला कोच में युवकों का आतंक जारी था। जब हद पार होने लगी तो शांति शर्मा ने फिर उन्हें टोका। इस बार ये लड़के उत्तेजित हो गए और उन्होंने असावटी स्टेशन से पहले महिला को चलती ट्रेन से धक्का देने लगे, हालांकि वह बच गई। यह देख कोच में सवार सभी लड़कियां एकजुट होकर लड़कों पर बिफर पड़ी। इससे पहले कि बात बढ़ती, असावटी स्टेशन आ गया।
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