तय होगी बुजुर्ग भाजपाइयों की किस्मत
नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की अपील के साथ सियासी मैदान में उतरी भाजपा अब बुजुर्ग कंधों से भार उतारेगी। आगरा में सात फरवरी को राष्ट्रीय सेवक संघ की बैठक में इस संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में युवाओं की भागेदारी से बेहतर परिणाम देखते हुए भगवा खेमा अब
[संतोष शुक्ल], मेरठ । नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की अपील के साथ सियासी मैदान में उतरी भाजपा अब बुजुर्ग कंधों से भार उतारेगी। आगरा में सात फरवरी को राष्ट्रीय सेवक संघ की बैठक में इस संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में युवाओं की भागेदारी से बेहतर परिणाम देखते हुए भगवा खेमा अब लोकसभा चुनाव में भी इस फार्मूले को आजमाना चाह रहा है। संघ ने बुजुर्ग नेताओं की सेवा लोकसभा चुनाव से इतर लेने की मंशा जताई है। उधर, दो मार्च की लखनऊ महारैली के बाद ही टिकटों की पहली सूची जारी होने की संभावना है।
युवा कंधों पर संघ का भरोसा
सात फरवरी को राष्ट्रीय सेवक संघ की आगरा में समन्वय बैठक में सर संघचालक मोहन भागवत का रुख खास होगा। हालांकि संघ की हर साल नियमित रूप से होने वाली बैठक है, किंतु इस बार चुनाव की वजह से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसमें यूपी के प्रांत प्रचारक डा. कृष्णगोपाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, प्रदेश प्रभारी अमित शाह और प्रदेश महामंत्री राकेश जैन समेत कई अन्य सूरमा भी पहुंच सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि संघ भाजपा के प्रत्याशियों पर फीडबैक भी लेगा। वेस्ट भाजपा के बुजुर्ग नेताओं को लोकसभा चुनाव से 'संन्यास' पर नई चुनावी रणनीति तय हो सकती है।
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मोहपाश में उलझे बुजुर्ग
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने टिकटों में युवाओं की भागेदारी बढ़ाने की मंशा से हाईकमान को अवगत कराया है। मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के चुनावों में पार्टी की सफलता का उदाहरण भी दिया गया है। दूसरी ओर संघ ने भी हाईकमान से युवाओं पर दायित्व बढ़ाने की पैरवी की है। संघ ने साफ किया है कि 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के प्रत्याशियों पर युवाओं को वरीयता दी जाए। सूत्रों की मानें तो लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, कलराज मिश्र, लालजी टंडन, हुकुम सिंह समेत दर्जनों नेताओं से लोकसभा का मैदान खाली कर राज्यसभा का विकल्प चुनने की अपील की गई है। इस संदर्भ में तीन फरवरी को नई दिल्ली में लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर बैठक भी हुई, किंतु पुराने दिग्गज लोकसभा की मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। आगरा में मंथन के दौरान वेस्ट यूपी की सियासत पर भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि रालोद से गठबंधन की चर्चा पर संघ वीटो लगा सकता है।
टिकटों पर महारैली का ब्रेक
भाजपा संसदीय बोर्ड सात फरवरी तक पहली सूची जारी करने वाला था, किंतु अंदरूनी घमासान के बचने के लिए लखनऊ में होने वाली रैली के बाद का मुहूर्त निकाला है। प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी का कहना है कि महारैली में 15 लाख से ज्यादा भीड़ जुटाने का लक्ष्य है, ऐसे में प्रदेश के सभी प्रकोष्ठ तैयारी में जुटे हैं। टिकटों पर संसदीय बोर्ड निर्णय लेगा। कई पदाधिकारियों का दावा है कि देर से सूची जारी होने पर वेस्ट की कई सीटों के समीकरण बदल सकते हैं। आधा दर्जन से सीटों पर बाहरी प्रत्याशियों के दावों को देखते हुए स्थानीय विरोध भी पनपने लगा है।
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