फारुक अब्दुल्ला ने कहा मुझे सिर्फ रियासत को बचाना है
राज्य में आतंकी बुरहान की मौत के बाद से अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हिंसक प्रदर्शनों व सिलसिलेवार बंद से पैदा हुए हालात पर चर्चा के लिए ही उन्होंने आज अपने घर बैठक बुलाई थी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डा फारुक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कश्मीर में अमन बहाली पर जोर देते हुए कहा कि अगर आतंकवाद को समाप्त करना है तो भारत-पाकिस्तान को मिल बैठकर बातचीत के जरिए कश्मीर समेत सभी आपसी विवादों को हल करना ही होगा।
आज यहां अपने निवास पर राज्य की मुख्यधारा की सियासत में शामिल सभी गैर सत्ताधारी दलों के नेताओं की एक बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम सिर्फ अमन मांगते हैं। यही हमारा एजेंडा है। हमें सर्जिकल स्ट्राईक्स से कोई मतलब नहीं है। भारत पाकिस्तान को आपस में मिल बैठकर अपने विवाद हल करने चाहिए ताकि हम अमन चैन से रह सकें।
उन्होंने कहा कि मुझे उड़ी हमले पर कुछ नहीं कहना है, मुझे सिर्फ रियासत को बचाना है, हमें अमन और शांति चाहिए। आपको याद ही होगा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं,पड़ौसी नहीं। इसलिए हमें पाकिस्तान से बात करनी ही होगी, इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
राज्य में आतंकी बुरहान की मौत के बाद से अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हिंसक प्रदर्शनों व सिलसिलेवार बंद से पैदा हुए हालात पर चर्चा के लिए ही उन्होंने आज अपने घर यह बैठक बुलाई थी। इसमें प्रदेश कांग्रेस गुलाम अहमदमीर, माकपा नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चेयरमैन और विधायक हकीम मोहम्मद यासीन, डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के चेयरमैन व पूर्व कृषि मंत्री गुलाम हसन मीर और अवामी इत्तेहाद पार्टी के चेयरमैन इंजीनियर रशीद को बुलाया गया था।
अब्दुल्ला ने कहा कि हमने आज यहां रियासत के हर मामले पर चर्चा की है। हम सभी भविष्य को बेहतर बनाने के लिए,आगे की तरफ देख रहे हैं। पीछे क्या हुआ, यह ज्यादा मायने नहीं रखता। हम हमेशा अमन के हक में रहे हैं। कश्मीर घाटी में गत तीन माह से जारी कानून व्यवस्था के संकट से आम लोगों पर हो रहे असर से मैं बहुत फिक्रमंद हूं।
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