आगरा : हिंदू धर्म अपना चुके परिवार ने कलमा पढ़ इस्लाम में की वापसी
आगरा में एक बार फिर धर्मातरण का मामला सामने आया है। चार माह पहले इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म में शामिल हुए 17 लोगों ने फिर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया।
आगरा । आगरा में एक बार फिर धर्मातरण का मामला सामने आया है। चार माह पहले इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म में शामिल हुए 17 लोगों ने फिर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। शुक्रवार को इन सभी को शहर मुफ्ती अहले सुन्नत मुदस्सिर खान कादरी और तंजीम उलेमा अहले सुन्नत के पदाधिकारी इस्लामुद्दीन कादरी ने एक शादी समारोह में कलमा पढ़वाया।
किरावली तहसील के गांव डावली के मजरा रठिया बंजारा में 25 परिवार रहते हैं। इनमें से एक परिवार तीन पीढ़ी पहले इस्लाम धर्म में चला गया था। तब से शादी विवाह इस्लाम धर्म मानने वाले लोगों में ही हो रहे थे। 25 दिसंबर 2014 को महुअर निवासी लव पंडित ने रहमत अली उर्फ गढ़ेली के परिवार के करीब 17 सदस्यों को हिंदू धर्म में वापस कराया था। सभी के नाम बदल गए थे।
शुक्रवार को परिवार के सदस्य गांव से दस किलोमीटर दूर मुस्लिम नट बिरादरी के शादी समारोह में पहुंचे। वहां लोगों ने उनसे कहा कि इस्लाम धर्म कबूल करने के बाद ही शादी समारोह में शामिल होने की अनुमति मिलेगी। समाज के लोगों की पंचायत हुई। इसमें परिवार ने भी वापस इस्लाम में आने का फैसला सुना दिया। परिवार के लोगों के कलमा पढ़कर इस्लाम में वापसी की। इस्लाम में वापस आने वालों में 70 वर्षीय रहमत, उनका बेटा रवि उर्फ आरिफ पत्नी नफीसा और बच्चे शामिल हैं।
धर्म परिवर्तन कराने वालों को गाली
रहमत अली का परिवार धर्म परिवर्तन कराने वालों को गाली दे रहा है। इस्लाम में आने के बाद शुक्रवार को रहमत तो बीमार होकर चारपाई पर पड़ गया। उसके बेटों का कहना है कि उनकी गरीबी का सभी मजाक बना रहे हैं। पहले लव पंडित ने आकर धर्म बदलवा दिया अब कोई आगरा से आए थे। वे दोनों को गालियां भी दे रहे हैं। उनका कहना है कि कोई उनकी मदद नहीं कर रहा है।
नट बिरादरी की पंचायत 14 को
इस्लाम धर्म में वापसी के बाद 17 सदस्यीय परिवार के कहने पर नट बिरादरी ने 14 मई को पंचायत बुलाने का फैसला लिया है। रहमत ने बताया कि इसमें उनका परिवार बिरादरी में शामिल होने के लिए पंचों के सामने अपनी बात रखेगा। पंचायत की जगह अभी तय नहीं हो सकी है।