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जीएसटी पर कांग्रेस में अब सिर्फ चिदंबरम का राजी होना बाकी

जीएसटी पर कांग्रेस में भी अंदरखाने सहमति बन रही है और अब इस पर सिर्फ चिदंबरम का राजी होना बाकी है।

By kishor joshiEdited By: Published: Sat, 23 Jul 2016 01:24 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jul 2016 02:52 AM (IST)
जीएसटी पर कांग्रेस में अब सिर्फ चिदंबरम का राजी होना बाकी

संजय मिश्र, नई दिल्ली। जीएसटी बिल पारित कराने को लेकर अब कांग्रेस के भीतर भी सहमति के सुर बनने लगे हैं। समझा जाता है कि अब केवल पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की राय ही जीएसटी पर बाकी नेताओं से जुदा है।

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सरकार के साथ बिल पर सुलह का फार्मूला निकालने में जुटे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा भी सम्माजनक रास्ता निकाल जीएसटी पारित कराने के हक में हैं। इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि मानसून सत्र के तीसरे हफ्ते में जीएसटी बिल राज्यसभा में लाया जाएगा। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आजाद और शर्मा के साथ जयराम रमेश भी जीएसटी कैपिंग के लिए वैकल्पिक रास्ते निकाल बिल पारित कराने के पक्ष में हैं।

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पार्टी हाईकमान भी इस बार सियासी दांव खेलने की बजाय बिल पारित कराने को लेकर संजीदा है। बताया जाता है कि इसीलिए हाईकमान ने सरकार के साथ सुलह फार्मूला निकालने में जुटे गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा से कहा है कि वे चिदंबरम को भी राजी करें। सूत्रों के मुताबिक चिदंबरम ही अब अकेले कांग्रेस के भीतर 18 फीसदी जीएसटी कैपिंग को संविधान संशोधन बिल में रखने की बात कर रहे हैं। जबकि आजाद और शर्मा दूसरे व्यावहारिक रास्ते से कैपिंग तय करने पर सहमत बताए जाते हैं।

वैसे सरकार और कांग्रेस दोनों ने जीएसटी पर चल रही अपनी बातचीत को लेकर इस बार काफी गोपनीयता बरती है। दोनों पक्षों ने सकारात्मक दिशा में बढ़ने की बातें तो कही है मगर सुलह फार्मूलों और उनकी प्रगति को लेकर चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस मंगलवार को होने वाली जीएसटी पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक के निष्कर्षो का इंतजार कर रही है। वैसे इस समिति ने कोलकाता में हुई अपनी पिछली बैठक में एक सुर से जीएसटी जल्द पारित करने की बात कही थी। कांग्रेस इस बैठक के भावों को पढ़ने के बाद सरकार के साथ अपनी निर्णायक बैठक करेगी। हालांकि पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि सब कुछ ठीक रहा तो मानसून सत्र के तीसरे सप्ताह में जीएसटी बिल राज्यसभा में आएगा।

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जनता दल यूनाइटेड, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और यहां तक की वामदलों के जीएसटी के पक्ष में रुख को देखते हुए भी कांग्रेस पर इसकी राह नहीं रोकने का दबाव है। अभी दो दिन पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सार्वजनिक रुप से जीएसटी को पारित कराने की वकालत की थी। ममता बनर्जी भी इसके पक्ष में हैं। इसलिए कांग्रेस भी सम्माजनक फार्मूला निकाल बिल पारित कराने को राजी होती दिख रही है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक जरूर अब भी इसके खिलाफ हैं।


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