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    मुंडे पर आइटी-ईडी भी कस सकते हैं शिकंजा

    By Edited By:
    Updated: Sat, 29 Jun 2013 06:55 PM (IST)

    मुंबई [ओम प्रकाश तिवारी]। लोकसभा चुनाव में आठ करोड़ खर्च करने का बयान देकर निर्वाचन आयोग की नजरों में चढ़े भाजपा नेता व सांसद गोपीनाथ मुंडे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विरोधियों खासकर राकांपा की चली तो आयकर व प्रवर्तन निदेशालय भी मुंडे के खिलाफ जांच शुरू कर सकता है।

    मुंबई [ओम प्रकाश तिवारी]। लोकसभा चुनाव में आठ करोड़ खर्च करने का बयान देकर निर्वाचन आयोग की नजरों में चढ़े भाजपा नेता व सांसद गोपीनाथ मुंडे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विरोधियों खासकर राकांपा की चली तो आयकर व प्रवर्तन निदेशालय भी मुंडे के खिलाफ जांच शुरू कर सकता है।

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    गोपीनाथ मुंडे ने गुरुवार को एक समारोह में कहा था कि उन्होंने गत लोस चुनाव में आठ करोड़ रुपए खर्च किए थे। उनके इसी बयान पर स्वत: संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने उनके भाषण का रिकॉर्ड तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक,आयोग ने मुंडे को नोटिस भी भेजा है। आयोग की यह सक्रियता महाराष्ट्र में भाजपा विरोधी दलों को खूब भा रही है। भाजपा आगामी विस चुनाव की कमान मुंडे को सौंपने के साथ ही उन्हें अपने मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर पेश कर रही है। उनका किसी मुसीबत में फंसना विरोधियों के लिए मैदान खाली होने जैसा होगा।

    शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] इस मामले को लेकर विशेष उत्साहित है। मुंडे को उनके गृह जिले बीड में चुनौती दे रही राकांपा का कहना है कि यदि मुंडे दोषी पाए गए तो आयोग न सिर्फ उनकी वर्तमान लोस सदस्यता रद कर सकता है, बल्कि छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लगा सकता है। ऐसी स्थिति में मुंडे विस और लोस चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

    राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, मुंडे ने आयोग को दिए हलफनामे में कुल संपत्ति 6.25 करोड़ रुपये बताई है। ऐसी स्थिति में आठ करोड़ खर्च करना साबित करता है कि उन्होंने काले धन का इस्तेमाल किया है। आयोग उनसे पूछे कि यह धन किस स्रोत से आया। इतना ही नहीं, मुंडे ने आयोग को चुनाव में 19 लाख खर्च करने का भी हलफनामा दिया है। उनका गुरुवार का बयान उसे भी झूठा साबित करता है। इसलिए उन पर झूठा हलफनामा देने के लिए भी कार्रवाई होनी चाहिए।

    मलिक के अनुसार, उनकी पार्टी मुंडे द्वारा घोषित संपत्ति से अधिक खर्च की जांच आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से भी करने की मांग करेगी। ताकि उनके और उनकी पार्टी के अघोषित आय स्रोतों का पता चल सके।

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