चार वर्षीय पाठ्यक्रम के विरोध में डीयू के शिक्षक एकजुट
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शिक्षक संगठन वैचारिक मतभेद भुलाकर चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम (एफवाइयूपी) वापस लेने के मुद्दे पर एकजुट हो गए ...और पढ़ें

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के शिक्षक संगठन वैचारिक मतभेद भुलाकर चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम (एफवाइयूपी) वापस लेने के मुद्दे पर एकजुट हो गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की अध्यक्ष डॉ. नंदिता नारायण ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में कहा कि हम राष्ट्रपति से अपील करते हैं कि छात्रहित में वे इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करें और चार वर्षीय पाठ्यक्रम वापस लें।
डॉ. नंदिता ने कहा कि स्वायत्तता की बात कर डीयू कई ऐसे निर्णय छात्रों पर थोप रहा है, जो उनके हित में नहीं है। सेक्शन 31(6) के तहत राष्ट्रपति जो डीयू के विजिटर हैं, हस्तक्षेप कर सकते हैं। भाजपा समर्थित शिक्षक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के संस्थापक इंद्रमोहन कपाही ने कहा कि लोगों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के पक्ष में हैं।
वह विधि सम्मत और विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को ध्यान में रखते हुए कोई कदम उठाएंगी। उन्होंने कहा कि मंत्री ने दिल्ली की स्वायत्ता की बात की है, लेकिन कुलपति ने दिल्ली की स्वायत्ता के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई बल्कि कपिल सिब्बल और सैम पित्रोदा के प्रभाव में चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू कर दिया। जल्द ही दिल्ली के सभी सातों सांसद मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखेंगे और मिलने जाएंगे।

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