महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन की लंबी पारी पर संदेह
बीजेपी-शिवसेना गठबंधन सरकार इस हफ्ते एक साल पूरे करने जा रही है। लेकिन जिस तरह से दोनों दलों के रिश्तों में उतार चढ़ाव देखने को मिला है, कयासों का दौर शुरू हो चुका है।
मुंबई। बीजेपी-शिवसेना गठबंधन सरकार इस हफ्ते एक साल पूरे करने जा रही है। लेकिन जिस तरह से दोनों दलों के रिश्तों में उतार चढ़ाव देखने को मिला है, कयासों का दौर शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि दोनों दलों के रिश्तों में कड़वाहट हाल के दिनों में घटी घटनाओं ने और बढ़ा दी है।
राजनीतिक पंडितों समेत आम लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या फणनवीस सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाएगी। चुुनावों के दौरान भाजपा से रिश्ता खत्म करने वाली शिवसेना पिछले साल दिसंबर में सरकार में शामिल हो गई थी। लेकिन शिवसेना के मंत्री अपनी ही सरकार पर समय समय पर आलोचना करते रहे हैं। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना होती है।
गुलाम अली के कंसर्ट को न होने देने का मामला हो या सुधींद्र कुलकर्णी के मुंह पर कालिख पोतने का मामला हो भाजपा खुले तौर पर शिवसेना की आलोचना करने से बचती रही है।
राज्य भाजपा के नेताओं ने कहा कि सरकार को खतरा नहीं है। अगर शिवसेना समर्थन वापस लेती है उस हालात में फड़नवीस सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा, शिवसेना के एजेंडे को रोकने में नाकाम रही है। दोनों के बीच गठबंधन टूटने के हालात में भाजपा,एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है लेकिन इससे भाजपा की साख पर ज्यादा असर पड़ेगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।