जहां सोच, वहां शौचालय अभियान में कूदीं बालन
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। फिल्मी नायिका विद्या बालन शुक्रवार को यहां एक समारोह में 'जहां सोच, वहां शौचालय' के नारे के साथ निर्मल भारत अभियान में औपचारिक रूप से कूद पड़ीं। खुले में शौच करने वालों पर ताना कसते हुए बालन दो अक्तूबर से तीन अलग-अलग विज्ञापनों में दिखाई देंगी। विद्या बालन ने कहा, ''निर्मल भारत अभियान से जुड़ने के प्रस्ताव से
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। फिल्मी नायिका विद्या बालन शुक्रवार को यहां एक समारोह में 'जहां सोच, वहां शौचालय' के नारे के साथ निर्मल भारत अभियान में औपचारिक रूप से कूद पड़ीं। खुले में शौच करने वालों पर ताना कसते हुए बालन दो अक्तूबर से तीन अलग-अलग विज्ञापनों में दिखाई देंगी।
विद्या बालन ने कहा, ''निर्मल भारत अभियान से जुड़ने के प्रस्ताव से मैं बेहद खुश हूं। महिला होने के नाते मैं खुले में शौच करने वालों के दर्द से अच्छी तरह वाकिफ हूं। इसीलिए तो 'जहां सोच, वहां शौचालय' के नारे के साथ मैं वास्तविक तौर पर जुड़ गई हूं, दिखावटी नहीं। यह नारा वास्तविकता के काफी करीब है। शौचालय न होने की वजह से ससुराल में रहने से इन्कार करने वाली युवती से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा था।''
''विज्ञापन का जिक्र करते हुए विद्या बोलीं, ''दुल्हन अपना घूंघट तो नहीं उठा सकती है। लेकिन घर में शौचालय न होने की वजह से दुल्हन को शौच के लिए बाहर जाना पड़ेगा।'' उन्होंने कहा गंवई माहौल में पली-बढ़ी महिलाओं का मुंह खोलना भी आसान नहीं होता है। ऐसे में महिलाओं का आगे आना बहुत मह8वपूर्ण है। यह सोचना बहुत आसान है, लेकिन करना उतना ही कठिन। खुले में शौच मुक्त भारत के लिए सोच में बदलाव जरूरी है। अभिनेत्री विद्या बालन निर्मल यात्रा की समाप्ति पर बिहार के बेतिया में आयोजित समारोह में भी शामिल होंगी। उन्होंने कहा, 'इस अभियान से वह तब तक जुड़ी रहेंगी, जब तक सरकार चाहेगी।'
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने निर्मल भारत अभियान की तीन अक्तूबर से शुरू होने वाली स्वच्छता यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा 'हर वक्त भगवान की पूजा करने वाले देश में स्वच्छता का सर्वथा अभाव है।' इसीलिए स्वच्छता को एक राष्ट्रीय जुनून बनाना है। इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना होगा। हमारे देश के लोगों पर राजनीति, क्रिकेट और बालीवुड का बुखार बहुत जल्दी चढ़ता है। इसीलिए इन तीनों क्षेत्रों की हस्तियों को स्वच्छता अभियान से जोड़ने की कोशिश है। रेल मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से रेल डिब्बों में खास तरह का शौचालय बनाया जा रहा है, जिससे प्रदूषण नहीं होगा। स्वच्छता यात्रा वर्धा के सेवाग्राम से शुरू होकर राजस्थान के कोटा, मध्य प्रदेश के इंदौर, ग्वालियर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और बिहार के बेतिया में 19 नवंबर को समाप्त होगी।
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