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    उप्र में डॉक्टरों की हड़ताल से आठ की मौत

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    Updated: Sun, 02 Mar 2014 12:32 AM (IST)

    सपा विधायक इरफान सोलंकी व जूनियर डॉक्टरों के बीच झगड़े के बाद स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने से कानपुर में आठ मरीजों की मौत हो गई। जबकि विरोध में कानपुर सहित ...और पढ़ें

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    कानपुर [जासं]। सपा विधायक इरफान सोलंकी व जूनियर डॉक्टरों के बीच झगड़े के बाद स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने से कानपुर में आठ मरीजों की मौत हो गई। जबकि विरोध में कानपुर सहित प्रदेश भर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि हिरासत में लिए गए सभी 24 मेडिकल छात्रों की बिना शर्त रिहाई व एसएसपी यशस्वी यादव और विधायक सोलंकी को निलंबित कर उन पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाए। ऐसा नहीं हुआ तो हम सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे। इससे पहले पुलिस ने 24 जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

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    गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को पुलिस के अमानवीय बर्ताव के विरोध में शनिवार सुबह प्राचार्य, शिक्षक और विद्यार्थियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। इसके साथ ही सभी अस्पतालों व निजी नर्सिग होम में ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं ठप कर दी गई। आइएमए अध्यक्ष डॉ. आरती लाल चंदानी ने शहर भर के डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। देर शाम जिलाधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने दो चक्रों में जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की और गिरफ्तार छात्रों को रिहा करने का आश्वासन भी दिया लेकिन बात मुकदमा खत्म करने पर अटक गई।

    हड़ताल का असर प्रदेश भर की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा है। इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार से सेवा बंद कर दी और आइसीयू में ताला जड़ दिया गया। झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में भी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। वाराणसी निवासी एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र रोहित सोनकर की शुक्रवार को कानपुर में बर्बरतापूर्वक पिटाई और गिरफ्तारी के विरोध में उनके पिता डॉ. विनोद सोनकर ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वह वाराणसी के जिला सचिव थे।

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    झारखंड के चिकित्सकों ने किया हड़ताल न करने का वादा

    रांची। झारखंड के चिकित्सकों ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर वादा किया है कि वे कभी हड़ताल पर नहीं जाएंगे। चिकित्सकों ने लाइसेंस प्राप्त करते समय ली गई अपनी शपथ का हर हाल में पालन करने का आश्वासन दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के झारखंड चैप्टर के चिकित्सकों की ओर से दिए गए इस हलफनामे में कहा गया है कि वे हर हाल में 24 घंटे मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश आर बानुमथि व न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने जनहित याचिका निष्पादित करने का आदेश दे दिया। दरअसल, 25 जून 2012 को आइएमए के आह्वान पर राज्य भर के चिकित्सक हड़ताल पर चले गए थे। जिससे कई मरीजों की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्टो पर न्यायमूर्ति आलोक सिंह की पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था।