क्या है एनजेएसी और कॉलेजियम प्रणाली?
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी)मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा जजों की न्युक्ति के लिए संविधान मे संशोधन कर बनाए गए 99 अधिनियम एक्ट, 2014 राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को असंवैधानिक करार दिया है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी)मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा जजों की न्युक्ति के लिए संविधान मे संशोधन कर बनाए गए 99 अधिनियम एक्ट, 2014 राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को असंवैधानिक करार दिया है।
जानिए इस प्रणाली के बारे मेंः
वर्तमान में जजों की न्युक्ति कॉलेजियम प्रणाली के तहत होती है।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून इस वर्तमान कॉलेजियम प्रणाली को बदलने का प्रस्ताव है।
एनजेएसी कानून को 99 अधिनयम एक्ट के तहत संविधान में संशोधन कर 13 अगस्त 2014 लोकसभा में पास किया गया था।
वहीं राज्यसभा में ये कानून 14 अगस्त 2014 को पास हुआ था।
वहीं कॉलेजियम प्रणाली के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश मिलकर जजों की नियुक्ति और जजों के तबादलों से जुड़े अहम फैसले लेते है ।
हालांकि, इस प्रणाली की भारतीय संविधान में कोई जगह नहीं है। प्रणाली में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के माध्यम से विकसित किया गया था।
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