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    सुप्रीम कोर्ट का जजों की नियुक्ति पर अहम फैसला, जानें खास बातें

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Fri, 16 Oct 2015 12:41 PM (IST)

    जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति के लिए बने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) को असंवैधानिक करार दिया है। इसके साथ ही उच्चतम अदालत ने साफ कर दिया है कि जजों की नियुक्ति पहले की तरह कौलेजियम

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    नई दिल्ली। जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति के लिए बने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) को असंवैधानिक करार दिया है। इसके साथ ही उच्चतम अदालत ने साफ कर दिया है कि जजों की नियुक्ति पहले की तरह कौलेजियम सिस्टम से ही होगी।

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    हम आपको बता रहे हैं इस मामले से जुड़ी खास बातेंः

    - सुप्रीम कोर्ट ने एनजेएसी को बता या असंवैधानिक।
    - कालेजियम सिस्टम से ही होगी जजों की नियुक्ति।
    - कालेजियम सिस्टम की जगह अब नहीं लेगा एनजेएसी।
    - जजों की नियुक्ति में सरकार का दखल मंजूर नहीं।
    - सरकार करेगी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर होगी चर्चा।
    - केंद्र की मोदी सरकार ने अगस्त, 2014 में NJAC एक्ट बनाया था।
    - सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी कहा- NJAC बनाने वाले कानून से संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन होता है।
    - संविधान पीठ के सामने था मामला।
    - संविधान पीठ में जस्टिस जेएस केहर, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस मदनबी लोकुर, जस्टिस कुरियन जोजेफ और जस्टिस एके गोयल शामिल थे।
    - उच्चतम न्यायालय ने एनजेएसी को लाने के लिए 99वें संवैधानिक संशोधन को असंवैधानिक एवं निरस्त घोषित किया।
    - 22 साल से सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम जजों की नियुक्तियां करता रहा है। मोदी सरकार के कमीशन लाने के बाद करीब 400 जजों की नियुक्तियां रुकी पड़ी हैं।
    - NJAC के बाद कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गईं और कहा गया कि यह सिस्टम न्यायपालिका की आजादी में दखल है और गैरसंवैधानिक है।
    - केंद्र सरकार का कहना है कि यह सिस्टम कोलेजियम से कहीं ज्यादा पारदर्शी है और किसी भी सूरत में न्यायपालिका की आजादी में दखल नहीं है।

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