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मेट्रो में बने डर्टी एमएमएस से हड़कंप, जांच के आदेश

दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से बनाए प्रेमी युगलों के करीब 250 अश्लील एमएमएस लीक होने से हड़कंप मच गया है। मेट्रो में यात्रियों के एमएमएस पोर्न साइटों पर सार्वजनिक होने पर डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) ने इस पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं

By Edited By: Published: Wed, 10 Jul 2013 04:14 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2013 06:28 AM (IST)
मेट्रो में बने डर्टी एमएमएस से हड़कंप, जांच के आदेश

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से बनाए प्रेमी युगलों के करीब 250 अश्लील एमएमएस लीक होने से हड़कंप मच गया है। मेट्रो में यात्रियों के एमएमएस पोर्न साइटों पर सार्वजनिक होने पर डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) ने इस पूरे मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल में इस संबंध में एफआइआर दर्ज कराई है। मामले को महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया और डीएमआरसी को नोटिस भेजा है।

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डीएमआरसी के निदेशक (जनसंपर्क) अनुज दयाल के मुताबिक, प्रेमी युगल का आपत्तिजनक एमएमएस सार्वजनिक होने के मामले को गंभीरता से लिया गया है। यह एमएमएस कहां से लीक हुआ है इसकी जांच कराई जाएगी। इसकी शिकायत साइबर क्राइम सेल को सौंप दी गई है।

बताया जाता है कि खाली मेट्रो व प्लेटफार्म पर बैठे प्रेमी युगलों के दो से आठ मिनट तक के करीब ढाई सौ से ज्यादा युगलों के आपत्तिजनक एमएमएस बनाए जा चुके हैं और इन्हें एक दर्जन से अधिक पोर्न साइटों पर अपलोड भी किया जा चुका है। ऐसे एमएमएस पिछले दो साल से लोड किए जा रहे हैं। ताजा एमएमएस इस साल मई में इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन से जा रहे युगल प्रेमी का बनाया गया था। इस वीडियो में इस एमएमएस को बनाने वालों की आवाज भी रिकार्ड है। इसमें वह अपने साथियों से वीडियो रिकार्ड करने का एंगल पूछ रहा है। कुछ महीने पहले मीडिया में एमएमएस कांड उछाले जाने पर डीएमआरसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था और मामले को दबाने का प्रयास किया था। एमएमएस कांड मंगलवार को एक बार मीडिया में सार्वजनिक होने पर डीएमआरसी में हड़कंप मच गया।

गौरतलब है कि मेट्रो की सभी फुटेज देखने और उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सीआइएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) और डीएमआरसी के पास। हालांकि सीआइएसएफ के प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह का कहना है कि उनके पास केवल सुरक्षा का जिम्मा है। सीआइएसएफ के अधिकारी या कर्मचारी सीसीटीवी कैमरों को ऑपरेट नहीं करते। सीसीटीवी फुटेज रखने की जिम्मेदारी डीएमआरसी की है।

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