Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लालू और उनके परिवार के खिलाफ कस सकता है सीबीआइ का शिकंजा

    By Kishor JoshiEdited By:
    Updated: Thu, 22 Jun 2017 08:10 AM (IST)

    बेनामी संपत्ति साबित होने पर लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्रवाई तय मानी जा रही है।

    लालू और उनके परिवार के खिलाफ कस सकता है सीबीआइ का शिकंजा

    नीलू रंजन, नई दिल्ली। बेनामी संपत्ति को लेकर आयकर विभाग की जांच का सामना कर रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के लिए आने वाले समय में मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। आयकर विभाग की जांच में बेनामी संपत्ति साबित होने की स्थिति में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सीबीआइ का शिकंजा भी कस सकता है। लालू यादव के परिवार के जिन सदस्यों के खिलाफ जांच चल रही है, उनमें अधिकतर लोकसेवक के पद पर हैं या पहले रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने वाले देश की सबसे बड़ी एजेंसी सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैसे तो बेनामी संपत्ति की जांच का दायरा आयकर विभाग तक सीमित है। लेकिन लालू यादव और उनके परिवार के लिए यह यहीं सीमित नहीं रह पाएगा। उनके अनुसार लालू यादव खुद मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और लगातार पिछले लोकसभा चुनाव तक सांसद रहे हैं। वहीं उनकी पत्नी राबड़ी देवी पहले मुख्यमंत्री, जबकि दोनों बेटे बिहार सरकार में अहम मंत्री हैं और बेटी मीसा भारती सांसद हैं। ऐसे में बेनामी संपत्ति का मामला सिर्फ बेनामी संपत्ति बनाने का नहीं रह जाता है।

    वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यदि एक बार लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप साबित हो गया, तो उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला अपने-आप बन जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में मीसा भारती से सांसद होने के कारण सीबीआइ सीधे तौर पर उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति बनाने का केस दर्ज कर सकती है। यही बात खुद लालू प्रसाद के मामले में भी लागू हो सकती है। जबकि उनकी पत्नी और बेटे, जो बिहार सरकार के भीतर लोकसेवक के पद पर हैं, के खिलाफ जांच कराने का अधिकार राज्य सरकार को ही होगा। लेकिन यहां भी यदि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट आदेश दे दे तो सीबीआइ के लिए उनके खिलाफ भी जांच का रास्ता साफ हो जाएगा।

    गौरतलब है कि चारा घोटाले की जांच में लालू प्रसाद पहले ही सीबीआइ की जांच में दोषी ठहराये जा चुके हैं और सजायाफ्ता होने के कारण चुनाव लड़ने से वंचित कर दिए गए थे। इसके साथ ही सीबीआइ ने उन्हें आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोपी भी बनाया था, लेकिन निचली अदालत से छूट गए थे और संप्रग सरकार में धमक के कारण सीबीआइ इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील तक नहीं कर पाई थी।

    यह भी पढ़ें: मीसा भारती से बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग ने की पूछताछ

    यह भी पढ़ें: रामनाथ कोविंद और नीतीश का फैसला, लालू से बढ़ेंगी दूरियां!