जापान में नहीं मिल रहे मजदूर तो कंपनियों ने निकाला ये नायाब तरीका
जापान में मजदूरों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है। इसके चलते होने वाले नुकसान से बचने के लिए यहां की कंपनियों ने नायाब तरीका निकाल लिया है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। जापान में मजदूरों की कमी के चलते अब वहां पर कंपनियां काम के लिए रोबोट्स को हायर कर रही हैं। हालांकि जापान में रोबोट्स से काम लेना भले ही कोई नई बात न हो लेकिन मजदूरों की कमी और इसमें विकल्प के तौर पर रोबोट का इस्तेमाल करना जरूर नया है। इसको देखते हुए मंझोली कंपनियां अब इस विकल्प पर विचार करने में लगी हैं। इनमें से ज्यादातर कंपनियां अर्थमूविंग और होटल रूम सर्विस के क्षेत्र में जुड़ी हैं। एक सर्वे में यह बात निकलकर आई है कि जिसमें कहा गया है कि इन कंपनियों का प्लान इस वित्तीय वर्ष में अपने कारोबार को एक बिलियन येन तक पहुंचाने का है। सर्वे के मुताबिक यह वृद्धि करीब 17.5 फीसद की होगी जो एक रिकॉर्ड होगा। इसके लिए मजदूरों की कमी आड़े न आए लिहाजा कंपनियों ने यह नायाब तरीका खोज लिया है।
'मजदूरों की कमी से कंपनियों की लागत में हुआ है इजाफा ' -
सिचिरो इनो,डायरेक्टरइंडिस्ट्रयलपॉलिसीब्यूरो
हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि कंपनियां इस योजना पर कितना खर्च करेंगी, लेकिन रोबोट बनाने और इनकी सप्लाई करने वाली कंपनियों का यह जरूर कहना है कि इस बाबत उन्हें ऑर्डर जरूर मिलें हैं। यहां पर यह बताना भी बेहद जरूरी है कि जनवरी से मार्च के दौरान रोबोट मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियों की आय में पहले क्वार्टर में ही जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। जापान की मिनिस्ट्री ऑफ इकनाॅमी से जुड़े इंडस्ट्रियल पॉलिसी ब्यूरो के डायरेक्टर सिचिरो इनो का कहना है कि इससे विकास दर में इजाफा होगा। उनका यह भी मानना है कि इस वित्तीय वर्ष में इस तरह रोबोट्स की भी संख्या बढ़ जाएगी जिन्हें आप आसानी से इंसान की तरह काम करते देखेंगे।
'जापान की अधिकतर कंपनियों में हो रहा है रोबोट्स का इस्तेमाल' -
याशिको हाशिमोतो -रोबो डिवीजन, कावासाकी हैवी इंडस्ट्री लिमिटेड
जापान का एक मजेदार तथ्य यह भ्ाी है कि यहां की करीब 90 फीसद कंपनियां छोटी और मंझोली हैं इसके बावजूद यहां की ज्यादातर कंपनियों में रोबोट का इस्तेमाल किया जाता है। कावासाकी हैवी इंडस्ट्री की रोबोट डिवीजन में काम करने वाले याशिको बताते हैं कि इन कंपनियों में काम करने वाले रोबोट 5 से सात फीट के होते हैं। हिटाची कंपनी का भी कहना है कि उन्हें कुछ समय से लगातार इस बात की जानकारी लेने वालों के कॉल्स आ रहे हैं।
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गौरतलब है कि जापान में 1995 में सब से अधिक काम करने वाले लोग थे। उस वक्त यह आंकड़ा 87 मिलियन तक जा पहुंचा था, लेकिन इसके बाद से यह आंकड़ा लगातार गिरता जा रहा है। सरकार का मानना है कि यदि यही हाल रहा तो वर्ष 2065 तक जापान में महज 45 मिलियन मजदूर ही काम कर रहे होंगे। यहां की जापान के श्रम मंत्रालय के मुताबिक मंझाेली कंपनियों ने 31 मार्च को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में करीब 1.1 मिलियन लोगों को रोजगार दिया है, जो कि एक नया रिकॉर्ड है।
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