'आप' के मंत्री ने दी सफाई, खुद को बताया निर्दोष
एक बार फिर विवादों में फंसे 'आप' सरकार में मंत्री सोमनाथ भारती ने मंगलवार को अपने उपर लगाए जा रहे आरोपों को गलत ठहराया है। सोमनाथ भारती ने कहा कि उन्होंने कभी भी सबूतों से छेड़छाड़ नही की थी। मालूम हो कि सीबीआइ ने वकील सोमनाथ भारती पर भ्रष्टाचार के एक मामले में पिछले साल सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और अभियोजन पक्ष के गवाह को प्रभावित करने का आरोप लगाया था।
नई दिल्ली। एक बार फिर विवादों में फंसे 'आप' सरकार में मंत्री सोमनाथ भारती ने मंगलवार को अपने उपर लगाए जा रहे आरोपों को गलत ठहराया है। सोमनाथ भारती ने कहा कि उन्होंने कभी भी सबूतों से छेड़छाड़ नही की थी। मालूम हो कि सीबीआइ ने वकील सोमनाथ भारती पर भ्रष्टाचार के एक मामले में पिछले साल सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और अभियोजन पक्ष के गवाह को प्रभावित करने का आरोप लगाया था। इस बाबत पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत ने सोमनाथ भारती को फटकार भी लगाई थी।
सोमनाथ भारती ने इस मामले पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के जुड़े एक मामले में पवन कुमार को ही दोषी ठहराया गया था और वह सबूतों को एकत्रित कर रहे थे। इससे पहले इस मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सोमनाथ भारती का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने गवाह को प्रभावित नहीं किया था। हालांकि, कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर के माध्यम से कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी बातों पर अमल करें। दूसरी ओर, भाजपा नेता हर्षवर्धन ने सोमनाथ भारती को बर्खास्त करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआइ की विशेष अदालत की जज पूनम बाम्बा ने पिछले साल अगस्त में सोमनाथ भारती और उनके मुवक्किल पवन कुमार को फटकार लगाई थी। पवन कुमार के ऊपर एक भ्रष्टाचार का मामला चल रहा था। 2006 के दौरान स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में कुछ कार्यो के लिए पवन कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप था। सोमनाथ भारती उनके वकील थे और पवन कुमार चाहते थे कि उन्हें जमानत मिल जाए। पवन कुमार को जमानत दिलाने के लिए सोमनाथ भारती ने ऐसा काम किया कि कोर्ट ने उन्हें और उनके मुवक्किल दोनों को फटकार लगाई थी।
सीबीआइ ने आरोप लगाया कि पवन कुमार और उनके वकील सोमनाथ ने संबंधित मामले को लेकर फोन पर अभियोजन पक्ष के गवाह से बात की। इसके बाद जज ने आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे गैर-कानूनी करार दिया था। यही नहीं यह मामला सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश से भी जुड़ता है।
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कोर्ट ने पवन कुमार को जमानत देने से भी इन्कार कर दिया था। इसके बाद पवन ने वकील सोमनाथ भारती और प्रशांत भूषण के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत याचिका दायर की, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इससे पहले बीते दिनों सोमनाथ भारती तब चर्चा में आएं थे जब उन्होंने जजों की मीटिंग बुलाने को लेकर अपने ही विभाग के सेक्रेटरी को फटकार लगा दी थी।
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