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अदालत ने दिया कैंसर पीडि़त का मुफ्त इलाज करने का निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने एम्स को ब्लड कैंसर से पीडि़त मरीज का मुफ्त इलाज जारी रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि संस्थान पीडि़त 30 वर्षीय सतीश मौर्या को सभी जरूरी इलाज नि:शुल्क उपलब्ध कराए।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2015 07:43 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2015 08:28 PM (IST)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने एम्स को ब्लड कैंसर से पीडि़त मरीज का मुफ्त इलाज जारी रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि संस्थान पीडि़त 30 वर्षीय सतीश मौर्या को सभी जरूरी इलाज नि:शुल्क उपलब्ध कराए। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। कोर्ट सतीश के भाई आनंद कुमार मौर्या की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

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पीडि़त के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सतीश की एम्स में कीमोथेरेपी की जा रही है। उसके परिजन अब तक उसके इलाज में करीब तीन लाख रुपये खर्च कर चुके हैं और अब वह आगे उसके इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। पीडि़त मथुरा (उप्र) का रहने वाला है। एम्स द्वारा मुफ्त में इलाज करने पर उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह निर्देश दिया है।

कंडोम मेडिकल डिवाइस न की दवा

कंडोम मेडिकल डिवाइस है न कि दवा। ऐसे में इसकी दरों पर नियंत्रण नहीं लगाया जा सकता। यह टिप्पणी दिल्ली हाई कोर्ट ने की है। उसने कंडोम की दरों पर नियंत्रण लगाने संबंधी राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की 4 नवंबर 2013 व 10 जुलाई 2014 को जारी अधिसूचना को रद कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि एनपीपीए ने ड्रग्स प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ) के तहत यह अधिसूचना गलत तरीके से जारी की थी।


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