बिरजू महाराज को भरोसा, पीएम कलाकारों के लिए करेंगे काम
देशभर में लगातार साहित्यकारों और लेखकों द्वारा सम्मान लौटाने के बीच शनिवार को संगीत नाटक अकादमी के प्रतिनिधियों ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात की। इस मुल ...और पढ़ें

नई दिल्ली। कई लेखकों व साहित्यकारों की ओर से साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाए जाने के विवादों के बीच शनिवार को संगीत नाटक अकादमी के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। लगभग आधे घंटे की बैठक में कला और कलाकार के भविष्य व सम्मान पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री की ओर से उन्हें आश्वासन मिला कि कला और संस्कृति के क्षेत्र में हर संभव मदद की जाएगी।
शनिवार को बिरजू महाराज, पंडित विश्व मोहन भट्ट, पंडित अजोय चक्रवर्ती, अरुणा साईराम और अतुल तिवारी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान अकादमी के अध्यक्ष शेखर सेन भी मौजूद थे।
अतुल तिवारी ने 'दैनिक जागरण' से स्पष्ट किया कि यह शिष्टाचार मुलाकात थी। उन्होंने कहा कि नई समिति के गठन के बाद यह इच्छा थी कि प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बातें रखी जाएं।
'कला के दर्द पर हुई बात'
बिरजू महाराज ने खुलकर बातें की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से कलाकारों और कला के दर्द पर बात हुई। संस्कृति को जीवंत बनाए रखने के लिए सरकार को सक्रिय होना होगा। कलाकारों की समस्याओं को भी दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सारी बातें सुनी और खुद जिस तरह कलाकार का वर्णन किया उससे समझा जा सकता है कि मोदी ने गंभीरता से लिया है।
बिरजू महाराज के अनुसार मोदी ने कहा, 'टाइप राइटर पर काम करने वाले की उंगलिया थक जाती हैं, लेकिन सितार पर बैठा 80 साल का कलाकार थकता नहीं है।'
वहीं मुलाकात के बाद पद्म श्री पंडित वी एम भट्ट ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी को कला को जिंदा रखने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुरस्कारोँ के साथ राजनीति करना ठीक नहीं है।

गौरतलब है कि देश में कथित तौर पर बढ़ रहे सांप्रदायिक तनाव के कारण पिछले कुछ समय से साहित्यकार और लेखक एक के बाद एक अपना सम्मान वापस लौटा रहे हैं।

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