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सुप्रिया का 'एकला चलो' को समर्थन, 'अकेले लड़ने में बुराई नहीं'

कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को लेकर महाभारत थम नहीं रहा है। एक-एक सीट के लिए कड़ी सौदेबाजी कर रही दोनों पार्टियां सामने वाले के झुकने के इंतजार में हैं। इस बीच दोनों पार्टियों ने एक बार फिर गठबंधन तोड़कर 'एकला चलो' की राह

By Edited By: Published: Mon, 22 Sep 2014 08:34 AM (IST)Updated: Mon, 22 Sep 2014 11:34 AM (IST)
सुप्रिया का 'एकला चलो' को समर्थन, 'अकेले लड़ने में बुराई नहीं'

नई दिल्ली। कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को लेकर महाभारत थम नहीं रहा है। एक-एक सीट के लिए कड़ी सौदेबाजी कर रही दोनों पार्टियां सामने वाले के झुकने के इंतजार में हैं। इस बीच दोनों पार्टियों ने एक बार फिर गठबंधन तोड़कर 'एकला चलो' की राह अख्तियार करने की धमकी दी है। इस पर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर कोई झगड़ा नहीं है। दोनों ही पार्टियां एक ही तरह की हैं। जिनका डीएनए भी एक जैसा है। अगर महाराष्ट्र की सभी चार प्रमुख पार्टियां अलग-अलग होकर चुनाव लड़ें तो यह विचार भी बुरा नहीं है। इससे राजनीतिक घरानों से ताल्लुक रखने वाले लोगों को टिकट पाने में आसानी तो होगी, लेकिन साथ-साथ ही पार्टियों के गर्त में जाने की शुरुआत भी हो जाएगी। मैं भी गुटबाजी की शिकार हो चुकी हूं।

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महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को कांग्रेस राकांपा के बीच चल रही बातचीत में दोनों दलों के अड़े रहने से गतिरोध आ गया है। हालांकि, पर्दे के पीछे से बातचीत जारी है। राकांपा की मांग है कि दोनों दल बराबर सीटों पर चुनाव लड़े। कांग्रेस ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह राकांपा को 125 से अधिक सीटें नहीं दे सकती। वहीं राकांपा ने कांग्रेस को कहा है कि गठबंधन बचाने के लिए इस बार उसे कुछ और आगे बढ़ना होगा। गौरतलब है कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में पिछली बार बंटवारे में राकांपा को 124 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने इस बार राकांपा को 125 सीटें देने की बात कही है। पार्टी ने कहा है कि राकांपा के रूख पर अड़े रहने की स्थिति में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में अकेले उतरेगी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि गठबंधन के लिए पार्टी एक सीमा से आगे राकांपा के दबाव में नहीं आएगी।

हालांकि, राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर पार्टी ने 125 सीटों की सीमा को अंतिम नहीं माना है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी अपनी सहयोगी राकांपा को कुछ और सीटें देने को इच्छुक हैं लेकिन यदि इसके बाद भी वह एक खास संख्या को लेकर अड़ी रही तो बात नहीं बनेगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने भी राकांपा नेता प्रफुल पटेल को संवाददाता सम्मेलन के जरिये 144 सीटें मांगने पर यह कहकर झिड़की लगाई है कि इस तरह की चर्चाएं संवाददाता सम्मेलन के जरिये नहीं होतीं।

मुख्यमंत्री पद के लिए है भाजपा-शिवसेना की तकरार: राणे

कांग्रेस नेता व महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री नारायण राणे ने रविवार को कहा कि भाजपा-शिवसेना में सीट बंटवारे की लड़ाई मुख्यमंत्री पद के लिए है। उन्होंने कहा, दोनों ही दलों के पास राज्य में सीएम पद के लायक कोई चेहरा नहीं है।

औरंगाबाद में पत्रकारों से बातचीत में राणे बोले, 'दोनों ही दलों के पास राज्य का नेतृत्व करने लायक चेहरा नहीं है, भाजपा-शिवसेना के बीच यह लड़ाई निजी और स्वार्थ से प्रेरित है।' उन्होंने कहा, कांग्रेस के पास ऐसे आधा दर्जन नेता हैं जिनमें राज्य का नेतृत्व करने की काबिलियत है। यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस-राकांपा के बीच सीट बंटवारे का तनाव सीटों की संख्या के कारण है, मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं। उन्होंने कहा, कांग्रेस राज्य की 288 सीटों में से राकांपा को 124 सीट देने पर सहमत है। राणे ने कहा, 'कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची दो दिनों में जारी हो जाएगी। मेरी निजी राय है कि कांग्रेस-राकांपा का गठबंधन राज्य के साथ दोनों दलों के लिए भी हितकारी है।'

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