भूमि अधिग्रहण बिल पर आज संसद में हो सकती है बहस
भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन से जुड़े बिल पर बुधवार को संसद में बहस हो सकती है। विपक्षी दलों ने अध्यादेश के जरिए बने इस कानून का विरोध किया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि बिल में कुछ संशोधन तो हो सकते हैं
नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन से जुड़े बिल पर बुधवार को संसद में बहस हो सकती है। विपक्षी दलों ने अध्यादेश के जरिए बने इस कानून का विरोध किया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि बिल में कुछ संशोधन तो हो सकते हैं लेकिन इसे वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने संसद में गतिरोध का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है।
मालूम हो कि बजट सत्र में कामकाज के पहले दिन मंगलवार को ही यह दिखने लगा कि विपक्ष खुलकर विरोध पर आमादा है। भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा में पेश होने पर एकजुट विपक्ष ने सरकार को किसान और गरीब विरोधी भी ठहराया गया। दोनों सदनों में लगभग यही हाल रहा। विपक्ष ने लोकसभा से यह कहते हुए वाकआउट किया कि सरकार किसानों की कीमत पर उद्योगपतियों को मुनाफा पहुंचाना चाहती है।
लेकिन सरकार की रणनीति स्पष्ट है। किसान और गरीब विरोधी छवि भी नहीं बनने देगी और राजनीतिक दबाव के आगे झुकेगी भी नहीं। यही कारण है कि सरकार ने बातचीत का रास्ता खोल रखा है। भाजपा ने सत्यपाल मलिक के नेतृत्व में समिति बना दी है जो किसान संगठनों से बातचीत करेगी। उनके सुझावों को सुनेगी और अपनी बात समझाने की कोशिश करेगी।
सूत्रों के अनुसार सरकार कुछ संशोधन के लिए रजामंद है। लेकिन ऐसा कोई संशोधन नहीं होगा जिससे परियोजना के अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो। राज्यसभा में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यह कहकर विपक्षी दलों को साधने की कोशिश की कि संबंधित मंत्री सभी दलों के नेताओं से बात करेंगे।
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