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अनशन करके नहीं, देश के लिए लड़ते हुए मरूंगा: अन्‍ना

भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर अन्‍ना हजारे का जंतर-मंतर पर दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी है। उन्‍होंने बुधवार को कहा कि मैं अनशन करके नहीं बल्कि समाज और देश के लिए लड़ते हुए मरूंगा। प्रदर्शन के आखिरी दिन अन्‍ना ने कहा कि किसान आज भी झोपड़ी में रहा है लेकिन

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 24 Feb 2015 03:03 PM (IST)Updated: Wed, 25 Feb 2015 03:08 PM (IST)
अनशन करके नहीं, देश के लिए लड़ते हुए मरूंगा: अन्‍ना

नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर अन्ना हजारे का जंतर-मंतर पर दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी है। उन्होंने बुधवार को कहा कि मैं अनशन करके नहीं बल्कि समाज और देश के लिए लड़ते हुए मरूंगा। प्रदर्शन के आखिरी दिन अन्ना ने कहा कि किसान आज भी झोपड़ी में रहा है लेकिन सत्ता के दलालों की ऊंची बिल्डिंग बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि देश भर में पदयात्रा का खाका तैयार हो रहा है। हम देशभर में जेल भरो आंदोलन चलाएंगे और सरकार को बिल वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे।

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77 वर्षीय समाजसेवी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 70 फीसद किसानों का गला घोटने वाला है। सरकार को चिंता करोड़पतियों की है न कि किसानों की। हम गांव-गांव में पदयात्रा कर खेतों में काम करने वालों को जगाएंगे। नए कानून के मुताबिक जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हम किसी अदालत में नहीं जा सकता, ये तो जुल्म है।

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अन्ना ने कहा कि सरकार नौ महीने में भ्रष्टाचार का नाम नहीं ले रही है। जनलोकपाल की चर्चा ही नहीं की। सरकार काला धन, जनलोकपाल और सत्ता का विकेंद्रीकरण पर दिशा भूल गई। ग्राम सभा लोकसभा और विधानसभा से ऊंची है। भूमि अधिग्रहण बिल पर सरकार की छवि धूमिल हुई है। अध्यादेश इतना ही अच्छा है तो आंदोलनकारी पागल हैं क्या? सरकार भ्रमित कर रही है।

अन्ना का कहना है कि देश की मालिक जनता है। संसद में उसने अपने सेवक को भेजा है। लेकिन आज वही सेवक अपने मालिक से गद्दारी कर रहा है। सरकार यदि यह भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस नहीं लेती है, तो देश भर के किसानों को जागरूक करने के लिए पदयात्रा निकाली जाएगी।

उधर, भारतीय किसान यूनियन ने हरियाणा और केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि 5 मार्च तक यदि सरकार ने स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू न की और भूमि अधिग्रहण बिल वापिस नहीं लिया तो पीपली महापंचायत में आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। आंदोलन शुरू करने के बाद किसान मांग पूरी हुए बिना घर वापस नहीं जाएंगे।

इससे पहले भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन किए जाने का विरोध कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मंच साझा किया। राजनीति में आने के बाद से यह पहला मौका था, जब केजरीवाल और अन्ना साथ साथ एक ही मंच पर नजर आए। इस मौके पर अन्ना ने एक बार फिर जेल भरो आंदोलन करने का एलान किया।

उन्होंने कहा कि मैं अभी तक 16 बार अनशन कर चुका हूं, लेकिन अब अनशन करके जान नहीं देनी है। चार माह बाद भूमि अधिग्रहण में संशोधन के खिलाफ जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। देश की सारी जेल भरने के बाद नरेंद्र मोदी का दिमाग ठिकाने पर आ जाएगा।

मोदी सरकार उद्यमियों की प्रॉपर्टी डीलर: केजरी

अरविंद केजरीवाल ने भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर मोदी सरकार को उद्योगपतियों का प्रॉपर्टी डीलर तक कह दिया। केजरीवाल अपने तय समय के अनुसार मंगलवार दोपहर लगभग पौने तीन बजे संसद मार्ग पहुंचे, जहां अन्ना के नेतृत्व में धरना चल रहा था। केजरीवाल मंच के नीचे लोगों की भीड़ में ही खड़े रहे। उनके साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व कुछ अन्य विधायक भी मौजूद थे। मंच पर अन्ना हजारे के अलावा मेधा पाटकर, प्रशांत भूषण और राजेंद्र कुमार आदि मौजूद थे। लगभग तीन बजे अरविंद केजरीवाल मंच पर पहुंचे और अन्ना के चरण स्पर्श कर उन्हीं के नजदीक बैठ गए। कुछ देर बाद उन्हें मंच पर संबोधन के लिए बुलाया गया। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 365 गांव हैं। यदि हमारी सरकार किसी किसान की जमीन अधिग्रहण भी करेगी तो उसे बाजार भाव के अनुसार मुआवजा देगी।

अन्ना को दिया सचिवालय आने का न्यौता

इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे को दिल्ली सचिवालय आने का न्यौता भी दे डाला। केजरीवाल ने कहा कि मैं अन्ना की बहुत इज्जत करता हुं। मैं उन्हें पिता समान मानता हूं। मैं उनसे निवेदन करता हूं कि यदि वह दस मिनट का समय निकाल कर सचिवालय आएं। उनके चरण से सचिवालय शुद्ध हो जाएगा।

समर्थन में पहुंचे वाम नेता

अन्ना के मंच पर वाम नेताओं की भी मौजूदगी देखी गई। कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान, समाजवादी नेता सुनीलम व एमडीएमके के राष्ट्रीय महासचिव वाइको काफी देर तक अन्ना के साथ मंच पर देखे गए।

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