मोदी के इंटरव्यू पर बढ़ा विवाद, जानिए क्या-क्या छुपाया गया?
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी द्वारा दूरदर्शन को दिए साक्षात्कार के अंशों को काट-छांट कर दिखाए जाने का विवाद बढ़ता जा रहा है। पहले मोदी द्वारा प्रियंका गांधी को बेटी जैसी बताए जाने के बाद सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को अपना अच्छा दोस्त बताने को साक्षात्कार से हटाए जाने के मा
नई दिल्ली। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी द्वारा दूरदर्शन को दिए साक्षात्कार के अंशों को काट-छांट कर दिखाए जाने का विवाद बढ़ता जा रहा है। पहले मोदी द्वारा प्रियंका गांधी को बेटी जैसी बताए जाने के बाद सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को अपना अच्छा दोस्त बताने को साक्षात्कार से हटाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
मोदी ने अपने साक्षात्कार में अहमद पटेल को अच्छा दोस्त बताया है। दूरदर्शन ने इस हिस्से को नहीं दिखाया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, 'अहमद मियां तो मैंने उनके प्रति सम्मान के लिए कहा था। यह मैं पहली बार किसी चैनल पर बता रहा हूं कि मैं तो उन्हें बाबू भाई बुलाता हूं। वह मेरे घर खाना खाते हैं। मैं उनके घर खाना खाता हूं। यह बात और है कि इन दिनों वह मेरा फोन नहीं उठा रहे।'
उधर, मोदी के इस दावे को अहमद पटेल ने खारिज किया है। उन्होंने कहा कि यह चुनावी सीजन है इसलिए लोग इस तरह के दावे करते रहते हैं। मैं इस विवाद पर टिप्पणी नहीं करना चाहता था। पर मैं साफ कर दूं कि जहां तक मुझे याद है, मैंने उनके साथ 80 के दशक में एक बार लंच किया था, जब वह भाजपा के महासिचव थे। इसकी जानकारी मेरे नेता राजीव गांधी को थी। 2001 में जब वो मुख्यमंत्री बने तब से मैंने मोदी के साथ चाय तक नहीं पी।
वहीं प्रियंका गांधी ने भी मोदी की बेटी जैसी टिप्पणी पर कहा है कि वह राजीव गांधी की बेटी हैं। बीस साल पहले मेरे पिता ने इस देश के लिए जान दी। मैं उन्हें दुनिया में सबसे ज्यादा चाहती थी। मैं किसी भी शख्स से उनकी तुलना नहीं करूंगी। दूसरी ओर मोदी के चुनाव प्रबंधन का काम देख रहे लोगों का कहना है कि मोदी ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। एक अंग्रेजी अखबार ने भी अपनी खबर में दावा किया है कि प्रियंका का जिक्र होने पर मोदी ने कहा, 'प्रियंका तो बेटी हैं। बेटी होने के नाते उन्हें मां और भाई के लिए काम करने का हक है। उसे इसका अवसर भी मिलना चाहिए। बेटी के नाते प्रियंका जो भी बोले मैं कभी बुरा नहीं मानूंगा..बेटी तो बेटी है।'
इस बीच, दूरदर्शन न्यूज के महानिदेशक एसएम खान ने सफाई दी है कि आधे घंटे स्लॉट के लिए 56 मिनट का इंटरव्यू हुआ था। ऐसे में थोड़ा-बहुत तो संपादन होता ही। जो इंटरव्यू चला, उसे मैंने देखा है। यहां तक कि इसमें दूरदर्शन की आलोचना भी है। मैंने रॉ फुटेज नहीं देखा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय से लेकर किसी भी राजनीतिक या गैर-राजनीतिक व्यक्ति को यह साक्षात्कार नहीं दिखाया गया।
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