पठानकोट हमले पर बोले आर्मी चीफ, सेना को नहीं मिल रहे थे NSG से निर्देश
पठानकोट एरयबेस पर आतंकी हमले को साझा अभियान के तहत नाकाम किया गया। आर्मी चीफ सुहाग ने कहा कि एनएसजी की तरफ से सेना को निर्देश नहीं मिल रहे थे। लोगों की हिफाजत करना हमारी पहली जिम्मेदारी थी लिहाजा अभियान लंबा चला।
नई दिल्ली। पठानकोट एरयबेस पर आतंकी हमले को नाकाम करने के बाद सवाल उठ रहे थे कि आखिर किसकी अगुवाई में अभियान चल रहा था। आर्मी चीफ दलबीर सुहाग ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि सेना को एनएसजी किसी तरह का निर्देश नहीं दे रही थी। उन्होंने कहा, एनएसजी देश के बेहतरीन सुरक्षा बलों में से एक है। आतंकियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाकर उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया गया।
क्यों तैनात हुई NSG
एनएसजी की तैनाती पर उन्होंने कहा कि बंधक बनाए जाने के हालत से निपटने के लिए कमांडो बुलाए गए थे। पठानकोट एयरबेस में 10 हजार लोगों की जिंदगी हमारे लिए कीमती थी। लिहाजा अभियान को लंबे समय तक चलाया गया। पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले से निपटने की निगरानी मैं खुद कर रहा था।
दो नहीं आठ कॉलम थीं तैनात
उन्होंने कहा कि मीडिया में चल रही ये खबर गलत है कि पठानकोट हमले के समय सेना की 2 कॉलम तैनात थीं, हकीकत में 70 जवानों वाली 8 कॉलम तैनात थीं।
साइबर क्राइम पर है नजर
दलबीर सुहाग ने कहा कि मौजूदा समय में लड़ाई के तौर तरीकों में बदलाव हुए हैं, जिसके लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने लोगों को यकीन दिलाते हुए कहा कि भारतीय फौज देश की सरहदों और किसी भी हालात का सामंना करने में सक्षम है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर साइबर क्राइम महत्वपूर्ण है, सेना इस मोर्चे पर निपटने के लिए काम कर रही है। भारतीय सेना आर्मी डिजाइन ब्यूरो की स्थापना कर रही है। उन्होंने भारतीय फौज के अधिकारियों और कर्मचारियों की सोशल साइट्स ऑडिटिंग पर जोर दिया।
पीओके में 17 आतंकी कैंप
उन्होंने कहा कि हमारी सूचना के मुताबिक पाकिस्तान अधिकृत इलाके में इस समय 17 आतंकवादी कैंप चलाए जा रहे हैं। भारतीय सेना द्वारा सीमा पार आतंकी कैंपों पर कार्रवाई किये जाने पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई निर्देश मिलता है तो भारतीय फौज कार्रवाई करने के लिए तैयार है। पिछले दिनों रक्षामंत्री को दर्द देने वालों को दर्द सहना पड़ेगा। इस बयान पर उन्होंने कहा ये उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है। व्यक्तिगत या सरकारी नीतियों पर वो कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।
शहादत पर सवाल सही नहीं
शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन की शहादत पर सवाला उठाना सही नहीं है। आतंकी का शव उठाने में सभी तय प्रकियाओं का पालन किया गया।
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सेना ने क्या सीखा ?
पठानकोट हमले से मिले सबक पर आर्मी चीफ ने कहा कि एनआइए जांच अभी चल रही है। जांच खत्म होने के बाद हम इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं। पाकिस्तान के खिलाफ गुप्त अभियान या टैक्टिकल लड़ाई पर सुहाग ने कहा कि ये सब फैसला सरकार को करना है। सरकार जो निर्देश देगी उसका हम पालन करेंगे। ये सच है कि पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ प्रॉक्सी लड़ाई लड़ी जा रही है।
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