बेटी के जन्मदिन की खुशी में कटिंग और शेविंग की फ्री सर्विस
कन्या भ्रूण हत्या के लिए पहचाने जाने वाले बीड़ जिले में एक इंसान बेटी के जन्मदिन पर अपने सैलून में फ्री सर्विस दे रहा है। यह वास्तव में तारीफ के काबिल है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। मराठवाड़ा का बीड़ जिला असामान्य लिंग अनुपात और कन्या भ्रूण हत्या के लिए जाना जाता है। लेकिन ऐसे जिले में किसी ऐसे व्यक्ति का मिलना वास्तव में खुशी की बात होती है जिसको बच्चियों से प्रेम हो और जो खुद अपने यहां पर नवजात के रूप में बेटी की दुआ करता हो। इस जिले में ऐसा ही एक शख्श है जिसका नाम अशोक पवार है। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले पवार को हमेशा से ही एक बेटी की ख्वाहिश थी। उसकी यह ख्वाहिश जब पूरी हुई तो उसने अपने सैलून पर छह माह के लिए फ्री सर्विस देने की स्कीम भी लागू कर दी। अपने घर से करीब तीन किमी दूर कुंभेेफल में उसकी नाई की दुकान हैै।
बेटी की किलकारी से आई खूशी
जब से उसके यहां पर बेटी की किलकारियां गूंजी हैं तब से उसके चेहरे की रंगत भी बदल गई है। उसके चेहरे की खुशी छिपाए नहीं छिपती है। वह कहते हैं कि कि हम सभी अपने घर में देवी की पूजा करते हैं लेकिन बेटी को जन्म से पूर्व मार देते हैं। पवार महज दस हजार प्रति माह कमा पाता है। उसका कहना है कि लोग मानते हैं कि बेटी होगी तो उनके ऊपर भार अधिक बढ़ जाएगा। इस सोच को बदलना होगा। लेकिन जब तक हम खुद नहीं बदलेंगे तब तक हम समाज और देश को भी नहीं बदल सकेंगे। इसके लिए पहले खुद को बदलना होगा।
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भाग्यशाली है बेेटी
पवार का कहना है कि उसकी बेटी उसके लिए बेहद भाग्यशाली रही है। जिस दिन से वह हुई है तब से लेकर अब तक सभी कुछ ठीक हुआ है। पहले वह हैल्पर के तौर पर एक दूसरी दुकान पर काम करता था, लेकिन बेटी होने के कुछ समय बाद ही उसने अपनी दुकान खरीद ली। इतना ही नहीं बेटी पैदा होने की खुशी में उसने अपनी दुकान पर छह माह तक फ्री सर्विस देने की भी याेजना लागू की। हालांकि यह सिर्फ शुरुआती 15 ग्राहकों पर भी लागू होती है। इसके बाद के ग्राहकों से वह 50 रुपये लेता है।
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बढ़ गई ग्राहकों की भी संख्या
उसने अपनी इस योजना के लिए लोगों को बताया जिसके बाद उसकी दुकान पर आने वाले ग्राहकों की भी संख्या बढ़ गई। इस योजना से उसकेे पास आने वाले ग्राहकों क संख्या भी बढ़ गई है। उसने अपनी दुकान का नाम अपनी भतीजी के नाम पर ही इश्वरी रखा है। वहीं उसकी बेटी का नाम श्रवणी है। उसका कहना है कि वह तीन किमी दूर अपनी दुकान पर पैदल ही आ जाता है, क्योंकि वह बाइक वगैरह खरीदने के काबिल नहीं है। उसकी फ्री स्कीम को लेकर उसके पास पहुंंचे विष्णु आससकी तारीफ करते हुए उसका खूब समर्थन भी करते हैं। विष्णु का कहना है कि वह वास्तव में ही बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ योजना को बढ़ावा दे रहा है।
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